गौरी लंकेश की हत्या के पीछे नक्सली तो नहीं?

Naxali connection behind the killing of Gauri Lankesh
गौरी लंकेश की हत्या के पीछे नक्सली तो नहीं?
गौरी लंकेश की हत्या के पीछे नक्सली तो नहीं?

डिजिटल डेस्क, बैंगलुरु। दक्षिणपंथियों की मुखर आलोचक रहीं गौरी लंकेश की मंगलवार रात गोली मारकर हत्या किए जाने के बाद देश की सियासत में गर्मी आ गई है। कांग्रेस और दूसरे राजनीतिक दल जहां पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के लिए संघ और दक्षिणपंथियों को निशाने पर ले रही हैं, वहीं पत्रकार गौरी लंकेश हत्याकांड की जांच कर रहे 21 सदस्यीय विशेष जांच दल ने हत्या के पीछे नक्सलियों की भूमिका को भी जांच के दायरे में लिया है। जांच दल के प्रमुख पुलिस महानिरीक्षक (इंटेलीजेंस) बीके सिंह ने उम्मीद जताई कि हत्याकांड पर से रहस्य का पर्दा जल्दी ही उठ जाएगा। कर्नाटक के गृहमंत्री रामलिंगा रेड्डी ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि इस मामले में जांच दल के हाथ कई अहम सुराग लगे हैं, जिन्हें फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।

जांच के दायरे में विक्रम गौड़ा
मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल ने हत्याकांड में हार्डकोर नक्सली विक्रम गौड़ा की भूमिका को गंभीरता से लिया है। हत्या में विक्रम गौड़ा की भूमिका पर इस लिए संदेह किया जा रहा है, क्योंकि मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल की सहायता के लिए आंध्रप्रदेश पुलिस भी बेंगलुरू पहुंच गई है। आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में खूंखार नक्सली विक्रम गौड़ा की लंबे समय से सक्रियता है। खबर है विक्रम गौड़ा गौरी लंकेश की हत्या के बाद चिकमंगलुरु के जंगलों में जा छुपा है। इसके बाद विक्रम गौड़ा और उसके पांच साथियों की जोरशोर से तलाश शुरू कर दी गई है। इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी की टीम पत्रकार गौरी लंकेश के घर, फोन, मोबाइल, ईमेल, और लैपटॉप में से कोई साक्ष्य तलाशने का प्रयास कर रही है। इस बीच पता चला है कि नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ पुलिस भी जांच में सहयोग कर रही है।

विक्रम पत्रकार गौरी से करता था नफरत
आपको याद होगाा कि गौरी लंकेश के भाई इंद्रजीत ने हत्या के तुरंत बाद कहा था कि उनकी बहन की हत्या में नक्सलियों का हाथ हो सकता है। दरअसल गौरी लंकेश काफी समय से नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने का काम कर रही थी। बीते चार सालों में गौरी ने नागाराजू, नूर जुल्फिकर श्रीधर, शिवू, रिजवान बेगम और कल्पना जैसे नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में आने में मुख्य भूमिका निभाई थी। जिसकी वजह से उन्हें लगातार फोन पर धमकियां मिल रही थीं। हार्डकोर नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के अभियान की वजह से विक्रम गौड़ा पत्रकार गौरी से नफरत करता था। नक्सली समाज में गौरी के लगातार बढ़ते प्रभाव को देखते हुए विक्रम गौड़ा ने उनके खिलाफ पर्चे बांट कर लोगों में उनकी विश्वसनीता पर सवाल उठाए थे। जांच में इस एंगल को भी हत्या की वजह माना रहा है।

कौन है विक्रम गौड़ा?
हार्डकोर नक्सली विक्रम उडुप्पी जिले का रहने वाला है। दक्षिण भारत में नक्सल गतिविधियों के संचालन की जिम्मेदारी जहां तमिलनाडु के कुप्पुस्वामी को सौंपी गई थी, वहीं कर्नाटक में नक्सली गतिविधियां संचालित करने की जिम्मेदारी विक्रम गौड़ा पर थी। विक्रम गौड़ा गौरी लंकेश से व्यक्तिगत रूप से खुन्नस खाता था। इस लिए इस मामले की जांच में उस पर विशेष रूप से शक जताया जा रहा है। विक्रम गौड़ा के खिलाफ बीस मामले दर्ज हैं। वह पिछले दो दशकों से नक्सल गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। विक्रम तीन बार पुलिस के चंगुल से बचकर भाग चुका है। पिछले तीन सालों से उसके केरल में होने का अनुमान लगाया जा रहा था। लेकिन अबतक उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। अनुमान है कि विक्रम खुद नक्सलियों के उस दल में शामिल था, जिसने मंगलवार की रात पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या कर दी थी। खबर है विक्रम गौड़ा गौरी लंकेश की हत्या के बाद चिकमंगलुरु के जंगलों में जा छुपा है।

Created On :   9 Sep 2017 3:01 PM GMT

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