नक्सलियों ने फूंके 4 ट्रैक्टर, लोकसभा चुनाव के पूर्व फैला रहे दहशत

Naxalites activated again before the upcoming lok sabha election, burnt four tractors
नक्सलियों ने फूंके 4 ट्रैक्टर, लोकसभा चुनाव के पूर्व फैला रहे दहशत
नक्सलियों ने फूंके 4 ट्रैक्टर, लोकसभा चुनाव के पूर्व फैला रहे दहशत

डिजिटल डेस्क, एटापल्ली(गड़चिरोली)। लोकसभा चुनाव के पूर्व जनता में दहशत निर्माण करने के उद्देश्य से नक्सलियों ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया है। नक्सलियों ने 4 ट्रैक्टर फूंक दिए, जिससे ग्रामीणों में भय का वातावरण बना हुआ है। बता दें कि चुनाव आयोग द्वारा सात चरणों में लोकसभा चुनाव कार्यक्रम घोषित किया गया। इसके मद्देनजर चुनाव प्रक्रिया के पहले चरण में गड़चिरोली जिले में चुनाव होने वाले हैं। जिसके चलते क्षेत्र में दहशत फैलाने के इरादे से नक्सलियों द्वारा हिंसक वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। नक्सलियों ने तहसील के ग्राम पुस्के में सड़क निर्माण कार्य में लगाए गए 4 ट्रैक्टरों को आग के हवाले कर दिया।   

जानकारी के अनुसार तहसील मुख्यालय से 32 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम पुस्के में बंदूकधारी नक्सलियों ने इस वारदात को अंजाम दिया। बंदूकधारी नक्सलियों ने गांव पहुंचकर सभी ग्रामीणों को नींद से उठाया और अपने साथ चार ट्रैक्टरों व चालकों को गांव के बाहर ले गए, जहां नक्सलियोंं ने चारों ट्रैक्टरों को आग के हवाले कर दिया। बता दें कि तहसील के ग्राम पुस्के में 24 घर व 140 जनसंख्या है। गांव में बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ पक्की सड़कें नहीं होने से गांववासियों को आवागमन करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अनेक मर्तबा ग्रामीणों द्वारा स्थानीय प्रशासन और सरकार का ध्यानाकर्षण कराने के बाद आखिरकार गांव को जोड़ने के लिए प्रशासन की ओर से सड़क  के निर्माण को मंजूर दी गई, जिसका ठेका सतीश मुक्कावार नामक ठेकेदार को दिया गया। बताया जा रहा है कि, सड़क का निर्माण कार्य दिनभर करने के बाद मजदूरों ने चारों ट्रैक्टर पुस्के गांव में रखे थे। इस सड़क निर्माण कार्य पर कुल 5 ट्रैक्टर थे। किंतु एक ट्रैक्टर में खराबी आने के कारण उसे वापस लाया गया था। प्रत्येक चुनाव में नक्सल संगठन द्वारा चुनाव पर बहिष्कार डालने का आह्वान किया जाता है। इसके लिए नागरिकों को भयभीत करने हेतु हिसंक घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। घटना से परिसर के नागरिकों में दहशत का माहौल व्याप्त है।

तीन गर्भवती की मृत्यु के बाद सड़क निर्माण को मिली थी मंजूरी
बता दें कि, आजादी के सात दशक बाद भी पुस्के गांव जाने के लिए पक्की सड़क नहीं बनी। जिसके चलते ग्रामीणों को जंगल और नाला पार कर तहसील मुख्यालय में पहुंचना पड़ता था। ऐसे में पिछले वर्ष इस गांव की तीन गर्भवती महिलाओं की समय पर उपचार नहीं मिलने से मृत्यु हुई थी। इन घटनाओं के बाद संतप्त ग्रामीणों के दबाव में पुस्के गांव तक सड़क मंजूर करवायी गई। जिसका निर्माण कार्य पिछले कुछ दिनों से शुरू था, लेकिन मंगलवार की रात घटी घटना से फिर एक बार पुस्केवासियों को पक्की सड़क की प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। 

Created On :   14 March 2019 8:44 AM GMT

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