NCP का आरोप : पुलिस हिरासत में हुई राकांपा नगरसेवक की मौत
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने आरोप लगाया कि अहमदनगर में NCP नगरसेवक कैलास गिरवले की पुलिस हिरासत मौत हुई है। पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि गिरवले की मौत न्यायिक हिरासत नहीं बल्कि पुलिस कस्टडी में हुई है। इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर न्यायिक जांच कराने की मांग पार्टी कर रही है। यदि सरकार ने मांगे नहीं मानी तो अहमदनगर में जोरदार आंदोलन शुरु किया जाएगा। मलिक ने इस घटना के लिए गृहराज्यमंत्री दिपक केसरकर को जिम्मेदार ठहराया है।
दोषी पुलिसकर्मियों के निलंबन व न्यायिक जांच की मांग
मलिक ने कहा कि बीते 8 अप्रैल को गिरवले की गिरफ्तारी हुई थी। 11 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में रखने के बाद उन्हें नाशिक जेल भेज दिया गया। बाद में गिरवले के खिलाफ एक और फर्जी मामला दर्ज कर उनकी पुलिस हिरासत ले ली गई। पुलिस हिरासत में 14 अप्रैल को गिरवले की तबियत बिगड़ने के बाद सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। बाद में उन्हें पुणे के ससुन अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उनकी मौत हो गई। मलिक ने कहा कि पुलिस हिरासत में तबियत बिगड़ने के बाद 15 अप्रैल को गिरवले को मैजिस्ट्रेट को सुपुर्द कर दिया गया। उऩकी मौत पुलिस की पिटाई से हुई है।
घटना के लिए गृहराज्य मंत्री केसरकर जिम्मेदार
इस मामले में दोषी क्राईम ब्रांच के पुलिस इंस्पेक्टर दिलीप पवार, पुलिस इंस्पेक्टर देवीदास, गुट्टे और कांस्टेबल काले को निलंबित कर मामले की न्यायिक जांच कराई जाए। इसको लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र सौपा जाएगा। मांगे न मानी गई तो पार्टी आंदोलन शुरु करेगी। NCP प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि यह सब राज्य के गृह राज्यमंत्री केसरकर के इशारे पर हुआ है। केसरकर से अहमदनगर की जिम्मेदारी वापस ली जानी चाहिए।
Created On :   19 April 2018 12:35 PM GMT