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मनसे को महागठबंधन में शामिल करना चाहती है NCP, कांग्रेस को उत्तरभारतीयों की नाराजगी का डर
डिजिटल डेस्क, मुंबई। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे और NCP सुप्रीमों शरद पवार की नचदीकियों के बाद अब NCP चाहती है कि मनसे को भी महागंठबंधन में शामिल किया जाए। पर राज ठाकरे द्वेष की राजनीति को देखते हुए कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं है। दरअसल पिछले दिनों गठबंधन को लेकर कांग्रेस-NCP के नेताओं की बैठक हुई थी। इस बैठक में NCP के हिंदीभाषी चेहरे नवाब मलिक ने मनसे को कांग्रेस-NCP गठबंधन में शामिल करने की मांग रखी थी। इसका बैठक में शामिल संजय निरुपम ने विरोध किया।
परंपरागत मत नहीं खोना चाहती कांग्रेस
उन्होंने कहा कि यदि राज ठाकरे को साथ लिया गया तो मुंबई और आसपास के इलाकों में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ेगा। क्योंकि उत्तरभारतीयों के बीच राज ठाकरे की छवि किसी खलनायक स कम नहीं है। इस बाबत कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उत्तरभारतीय कांग्रेस के परंपरागत मतदाता रहे हैं। बीते लोकसभा-विधानसभा चुनाव में वे BJP के साथ चले गए पर इस चुनाव में काफी उत्तरभारतीय मतदाता फिर से कांग्रेस की तरफ लौट सकते हैं। ऐसे में यदि राज ठाकरे को साथ लिया गया तो उत्तरभारतीय फिर से नाराज हो जाएंगे और इससे BJP को लाभ होगा।
मनसे चाहती है गठबंधन में शामिल होना
बीते विधानसभा चुनाव और उसके बाद हुए स्थानीय निकाय चुनावों में मनसे को बुरी तरह पराजित होना पड़ा था। पार्टी मरणासन्न अवस्था में है। ऐसी स्थिति में मनसे खुद चाहती है कि वह कांग्रेस नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा बने। पर कांग्रेस को डर है कि राज ठाकरे को साथ लिए तो सिर्फ मुंबई-ठाणे-पुणे में नहीं बल्कि उत्तरभारत में भी उसको नुकसान उठाना पड़ सकता है। पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा कि दरअसल मनसे को साथ लेना का इस लिए भी कोई लाभ क्योंकि मनसे का वोट कांग्रेस-NCP को ट्रांसफर नहीं होगा। जहां मनसे उम्मीदवार नहीं रहेंगे, वहां उनके मतदाता शिवसेना के साथ चले जाएंगे।
Created On :   29 Sep 2018 2:11 PM GMT