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योग्य वाॅटर एंड वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट तकनीक की जरूरत- प्रो. म्हैसलकर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश में दिनों दिन गहराते जल संकट से निपटने के लिए और अधिक सटीक और योग्य वाॅटर एंड वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट तकनीक की जरूरत है। यह विचार वीएनआईटी के प्रोफेसर वीए म्हैसलकर ने व्यक्त किए। वे नीरी के सभागृह में चैलेंज एंड गैप इन वाटर एंड वेस्ट वाॅटर मैनेजमेंट विषय पर सीएसआईआर नेशनल एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से आयोजित दो दिवसीय ब्रेन स्ट्रॉमिंग सेशन के पहले दिन वे बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि घरेलू व सामुदायिक स्तर पर भी इस पर अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर जल गुणवत्ता की निगरानी अब जरूरी हो चुका है।
उन्होंने कहा कि अब भी जैविक प्रदूषकों को पानी से अलग करने की चुनौती हमारे सामने है। सेशन में ओसीडब्ल्यू के सीईओ संजय राय ने शहर में स्वच्छ जलापूर्ति तय किए जाने में विभिन्न एजेंसियों में समन्वय की कमी पर ध्यान दिलाते कहा कि कई बार दूसरे विभागों के कार्यक्षेत्र के कारण परेशानी आती है। सेशन की शुरुआत में डॉ. एमपी पाटील ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। डॉ. हेमंत पुरोहित ने प्रस्तावना रखी। नीरी के वाटर टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट डिवीजन के प्रमुख डॉ. पवन कुमार लाभसेटवार ने सेशन की प्रकल्पना प्रस्तुत की। इस दौरान डॉ. गिरीश पोपली, डॉ लीना देशपांडे, डॉ रीतेश विजय भी उपस्थित रहे।
मांग और आपूर्ति में संतुलन जरूरी
यूनिसेफ, जयपुर के प्रतिनिधि नानक संतदासानी ने कहा कि जलापूर्ति के मामले में मांग और आपूर्ति में संतुलन जरूरी है। उन्होंने गुजरात के ग्रामीण इलाकों में जारी योजना वास्मो का उदाहरण देते हुए बताया कि इसमें गांव वालों की भागीदारी होने के कारण बर्बादी नहीं के बराबर होती है।
स्वच्छता को सामाजिकता से जोड़ना जरूरी
पुणे के इस्कॉन सर्विस फाउंडेशन के निदेशक डॉ. दयानंद पानसे ने कहा कि स्वच्छता को सामाजिकता, तकनीक और पर्यावरण से जोड़ा जाना जरूरी है। आज देश में मल-मूत्र का सही तरीके से निष्पादन किए जाने और इसके लिए नीति तैयार किए जाने की जरूरत है।
Created On :   12 Feb 2019 8:54 AM GMT