इमारत तो बनी अब फर्नीचर का इंतजार

New office building is not started because of no new furniture
इमारत तो बनी अब फर्नीचर का इंतजार
इमारत तो बनी अब फर्नीचर का इंतजार

डिजिटल डेस्क,नागपुर। राज्य उत्पादन शुल्क विभाग के बढ़ते कार्यभार के मद्देनजर उपराजधानी में इस विभाग का कार्यालय  के लिए प्रस्ताव मंजूर कर निधि भी उपलब्ध करा दी थी। कॉटन मार्केट परिसर में बनने वाली इमारत के लिए 6.35 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे। एक माह पहले ही इमारत काे पूरी तरह तैयार कर दिया गया है। बावजूद इसके राज्य उत्पादन शुल्क विभाग का कार्यालय अब भी जिलाधिकारी कार्यालय परिसर स्थित पुरानी इमारत में ही संचालित हो रहा है। कारण, अब तक नई इमारत में फर्नीचर ही तैयार नहीं किया गया है। इस इमारत में अधिकारियों आैर कर्मचारियों के बैठने व कामकाज करने की व्यवस्था ही नहीं हो पायी है। अधिकारी के अनुसार नई इमारत में फर्नीचर तैयार करने का प्रस्ताव मंजूर हो गया है लेकिन इसके लिए अब तक निधि उपलब्ध नहीं करायी गई है। इसके कारण इमारत में ताला जड़ा हुआ है।

तीन साल विलंब से बनी इमारत
राज्य उत्पादन शुल्क विभाग के लिए नई इमारत बनाने का प्रस्ताव मंजूरी किए जाने के बाद लोक निर्माण विभाग के वर्ल्ड बैंक प्रोजेक्ट ने इमारत के लिए तकनीकी आवश्यकता संबंधी पूर्ण प्रस्ताव 2013 में मान्यता के लिए भेजा। इस प्रस्ताव को मंजूर कर प्रारंभ में 4 करोड़ 63 लाख रुपए उपलब्ध कराए गए। इस निधि में से 4 करोड़ 51 लाख रुपए इमारत निर्माण कार्य तथा 12 लाख रुपए इलेक्ट्रिक वर्क पर खर्च किए जाने थे। 4 अप्रैल 2014 को इमारत के निर्माण कार्य का ठेका दिया गया। शर्तों के मुताबिक 24 माह में यह इमारत बनानी थी लेकिन लचर कार्यप्रणाली के कारण ठेका कंपनी द्वारा पौने तीन साल विलंब से अर्थात अप्रैल 2018 में इमारत का निर्माण कार्य पूरा किया गया।

यही नहीं ठेका कंपनी द्वारा अनेक बार पीडब्ल्यूडी व राज्य उत्पादन शुल्क विभाग के आला अधिकारियों को यह आश्वासन दिया जाता रहा कि काम जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा। ठेका कंपनी के इस आश्वासन को संज्ञान में लेते हुए राज्य उत्पादन शुल्क विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने अपना कार्यालय स्थानांतरित करने की तैयार भी कर ली थी। लेकिन इस बीच फर्नीचर उपलब्ध नहीं कराया जा सका। फर्नीचर तैयार करने का प्रस्ताव मंजूर होने के बावजूद फंड उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। अब जब तक फर्नीचर के लिए फंड उपलब्ध नहीं होगा तब तक इस इमारत पर ताला जड़ा रहेगा। फंड उपलब्ध होने के बाद फर्नीचर तैयार करने में कम से कम तीन माह का वक्त लगने की संभावना है।

कार्यालय आकर पूछताछ करें
नई इमारत में फर्नीचर न होने के कारण आबकारी विभाग का कार्यालय पुरानी इमारत में ही संचालित हो रहा है। इस संदर्भ में आबकारी विभाग की अधीक्षक स्वाति आनंद काकड़े से संपर्क कर जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कहा कि मेरे पास समय नहीं है। कार्यालय आकर इस संदर्भ में पूछताछ करें।
 

Created On :   12 Jun 2018 10:37 AM GMT

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