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बहुचर्चित एके-47 राइफलों की तस्कर, एनआईए के रडार पर सीओडी के सात कर्मचारी
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। बहुचर्चित एके-47 राइफलों की तस्करी मामले की जाँच के लिए शुक्रवार को एक बार फिर एनआईए की टीम सीओडी पहुँची। सुबह साढ़े 8 से रात साढ़े 8 बजे तक 12 घंटे की जाँच के बाद एनआईए के रडार पर सीओडी के 7 कर्मचारी आ गए हैं। इनमें सीनियर अधिकारी भी शामिल हैं, एनआईए की जाँच का फोकस इस बात पर रहा कि एके-47 की तरह और कौन से प्रतिबंधित हथियारों की चोरी कर तस्करी की गई है। सूत्रों के अनुसार इन कर्मचारियों पर सुरेश ठाकुर से मिलीभगत और लापरवाही बरतने जैसी शंका है, एनआईए के निर्देश पर जबलपुर क्रक्राइम ब्रांच इन संदेही कर्मचारियों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले सकती है। लेकिन इस कार्रवाई के लिए पर्याप्त सबूत जुटाए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गुरुवार को एनआईए के डीएसपी एनके मालवीय के साथ 10 सदस्यीय टीम बिहार मुंगेर में जाँच करते हुए जबलपुर आई थी। एनआईए के साथ आरोपी सुरेश ठाकुर और पुरुषोत्तम रजक भी थे। एनआईए की टीम सुरेश ठाकुर को लेकर गुरुवार को सीओडी पहुँची थी, जहाँ करीब चार घंटे तक फैक्ट्री के अलग-अलग हिस्सों में उसे ले जाकर पूछताछ की गई थी। एनआईए ने सीओडी प्रशासन से जाँच से संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए कहा था, जिस पर फैक्ट्री प्रबंधन ने शुक्रवार तक का समय माँगा था। लेकिन सूत्रों की मानें तो फैक्ट्री की तरफ से एनआईए को ज्यादा जानकारियाँ नहीं दीं गईं। लिहाजा जाँच अभी भी अधर में लटकी हुई है।
ओमती थाने में रखे गए सुरेश और पुरुषोत्तम
सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को सुरेश और पुरुषोत्तम को क्रक्राइम थाने से ओमती थाने में शिफ्ट कर दिया गया है। ओमती थाने में दोनों आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है।
एनआईए की लैब वैन को नहीं मिला प्रवेश
एनआईए अपने साथ एक हाईटेक लैब वेन लेकर चलती है। जिसमें अत्याधुनिक उपकरण, कैमरे और अन्य चीजें मौजूद रहतीं हैं। शुक्रवार को सीओडी प्रबंधन ने एनआईए अफसरों को तो फैक्ट्री में प्रवेश दे दिया, लेकिन वैन को बाहर ही रखने के लिए कहा। इस बात पर कुछ देर दोनों एजेन्सियों के अधिकारियों के बीच बहस भी हुई।
Created On :   22 Dec 2018 7:41 AM GMT