एनआईटी बर्खास्त , प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

NIT dismissed the state cabinet approved the proposal
एनआईटी बर्खास्त , प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी
एनआईटी बर्खास्त , प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने दी मंजूरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर की लंबे समय से चली आ रही  मांग को आखिरकार राज्य सरकार ने पूरा कर दिया। नागपुर सुधार प्रन्यास (एनआईटी) को बर्खास्त करने पर राज्य सरकार ने अपनी मुहर लगा दी। शहर के नियोजन प्राधिकरण नागपुर सुधार प्रन्यास को नागपुर महानगरपालिका में विलय कर एनआईटी बर्खास्त करने के नगर विकास विभाग के प्रस्ताव को राज्य मंत्रिमंडल ने मान्यता दी। अब शहर में नागपुर महानगरपालिका ही एकमात्र नियोजन संस्था होगी। गौरतलब है कि 2016 में राज्य सरकार ने नासुप्र बर्खास्त करने को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। पिछले महीने हुई बैठक में इसे 15 अगस्त के पहले बर्खास्त करने के संकेत दिए थे।  

भाजपा ने अपने मुद्दों में किया था शामिल

नागपुर सुधार प्रन्यास बर्खास्त करने की मांग स्थानीय नागरिक लंबे समय से कर रहे थे। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में इसे अपने मुद्दों में भी शामिल किया था। इस संबंध में अनेक लोगों ने उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की थी। इस याचिका पर उच्च न्यायालय ने आदेश भी पारित किया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार राज्य में सत्तारूढ़ होने के बाद व पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने नासुप्र बर्खास्त करने का आश्वासन दिया था। पालकमंत्री बावनकुले ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय का स्वागत कर कहा कि  नागपुर की जनता ने उनका आभार माना है।  

1936 में अस्तित्व में आया था नासुप्र 

सीपी एंड बेरार के कानून अनुसार 1936 में शहर में बुनियादी सुविधाओं का परीक्षण करने के उद्देश्य से नागपुर सुधार प्रन्यास अस्तित्व में आया था। 11 मार्च 2002 को नागपुर महानगरपालिका सीमा के लिए सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर नासुप्र की ओर से क्रियान्वित 7 योजनाएं छोड़कर महानगरपालिका को नियोजन प्राधिकरण के रूप में घोषित किया था। महाराष्ट्र प्रादेशिक नियोजन व नगररचना अधिनियम 1966 की धारा 42 (क) में प्रावधान अनुसार नागपुर महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण (एनएमआरडीए) का गठन किया गया था। 

त्रिसदस्यीय समिति का हुआ था गठन 

राज्य मंत्रिमंडल की 27 दिसंबर 2016 की बैठक में नासुप्र संस्था को बर्खास्त करने के संबंध में सैद्धांतिक मान्यता दी गई थी। नासुप्र अधिनियम के प्रावधान अनुसार इस संबंध में कार्यवाही करते समय नासुप्र की संपत्ति व दायित्व में से कौन-सी संपत्ति और दायित्व मनपा को हस्तांतरित करने हैं, इसे लेकर एक त्रि-सदस्यीय समिति का गठन किया गया था। नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव समिति के अध्यक्ष थे। समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को पेश की थी। 

ये संपत्तियां होंगी मनपा को हस्तांतरित 

* नासुप्र द्वारा छोड़ने योग्य संपत्ति और निधि मनपा को दी जाएगी। नासुप्र के उत्तरदायित्व भी मनपा को दिए जाएंगे। 
* नासुप्र से मिली निधि के लिए मनपा स्वतंत्र खाता तैयार कर उसमें रकम जमा करेगी। 
* सभी ठेके और करार, जो नासुप्र से संबंधित हैं, मनपा कानून अनुसार उसे मनपा के स्वाधीन िकया जाएगा। 
* नासुप्र की सभी संपत्ति, निधि और अन्य संपत्ति, अधिकार, उत्तरदायित्व विकास की दृष्टि से मनपा के पास जाएंगे। 
* नासुप्र को आने वाले सभी प्रकार के किराए, रकम, संपत्ति संबंधित हक्क, अधिकार मनपा को मिलेंगे। 
* नासुप्र की शहर में विकास योजनाएं, जो पूर्ण हो गई हैं या पूर्णत्व की ओर हैं, ऐसी सभी योजनाएं मनपा को 
* हस्तांतरित की जाएंगी या सरकार के निर्देशानुसार एनएमआरडीए को हस्तांतरित किए जाएंगे। 
* बर्खास्तगी के बाद नासुप्र के विरोध में या उनके अधिकारों के विरोध में न्यायालय में लंबित सभी याचिका, दीवानी और फौजदारी याचिका, मनपा से संबंधित हो जाएगी।

Created On :   14 Aug 2019 5:28 AM GMT

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