500 और 1,000 के पुराने नोट रखने वालों पर नहीं होगा कोई एक्शन: सरकार ने SC से कहा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले साल हुई "नोटबंदी" के बाद 31 दिसंबर तक 500 और 1,000 के पुराने नोटों को जिन लोगों ने जमा नहीं किया था और इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाइल की थी, तो ऐसे लोगों के खिलाफ केंद्र सरकार कोई कार्रवाई नहीं करेगी। ऐसा सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को केंद्र सरकार ने कहा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में पुराने नोट जमा कराने के लिए एक और मौका दिए जाने की मांग पर फाइल की गई पिटीशन पर सुनवाई चल रही थी। बता दें कि तय समय से पहले पुराने नोट जमा नहीं करने के बाद दोबारा मौका दिए जाने की मांग पर 14 लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाइल की है।
कॉन्स्टीट्यूशनल बेंच के पास फाइल करें पिटीशन: SC
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमएम खानविलकर की ट्रिपल बेंच ने पिटीशंस पर सुनवाई करते हुए कहा, "नोटबंदी को चैलेंज देने वाली पिटीशंस 5 जजों की कॉन्स्टीट्यूशनल बेंच के पास पैंडिंग है, लिहाजा आप सभी पिटीशनर अपनी पिटीशंस को कॉन्स्टीट्यूशनल बेंच के सामने फाइल करें। वही इसपर आखिरी फैसला लेगी।"
नहीं होगा कोई एक्शन : केंद्र सरकार
वहीं इस मामले की सुनवाई पर केंद्र सरकार ने भी अपना रुख साफ करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वो पुराने नोट जमा कराने की मांग करने वाले 14 पिटीशनर्स के खिलाफ कोई क्रिमिनल एक्शन नहीं लेगी। बता दें कि केंद्र सरकार ने पिछले साल 8 नवंबर को 500 और 1,000 के पुराने नोटों पर बैन लगाने का फैसला लिया था, जिसके बाद 500-1,000 के पुराने नोट चलन से बाहर हो गए थे। इन नोटों को जमा कराने के लिए सरकार ने 31 दिसंबर तक का टाइम दिया था, बाद में इसे बढ़ाकर 31 मार्च तक कर दिया गया था।
पिटीशनर्स का क्या है कहना?
सुप्रीम कोर्ट में सुधा मिश्रा समेत 14 पिटीशनर्स का कहना है कि हम नोटबंदी को चैलेंज करना नहीं चाहते, बल्कि अपने पुराने नोट जमा करना चाहते हैं। एक पिटीशनर ने ये भी कहा कि, "हमारी मेहनत की कमाई बिना मौका दिए और बिना लीगल प्रोसेस के जब्त कर ली गई है।" वहीं सुधा मिश्रा ने कहा था कि जो लोग अपने पुराने नोट तय समय में जमा नहीं कर सके हैं, उनके बारे में सुप्रीम कोर्ट सरकार को निर्देश जारी करे।
Created On :   3 Nov 2017 10:09 AM GMT