देव राधारमण मंदिर ट्रस्ट की करोड़ों की जमीन कौडिय़े के दाम

no action taken in selling land of Dev Radharaman Temple Trust
देव राधारमण मंदिर ट्रस्ट की करोड़ों की जमीन कौडिय़े के दाम
देव राधारमण मंदिर ट्रस्ट की करोड़ों की जमीन कौडिय़े के दाम

डिजिटल डेस्क दमोह। नगर के देव राधारमण मंदिर ट्रस्ट की सीलिंग की गई लगभग 25 करोड़ की जमीन को पट्टे पर देने के बाद उसे बेच देने का मामला सामने आया है और इस मामले में ट्रस्ट कमेटी द्वारा शिकायत किए जाने के बाद भी किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से कमेटी के लोगों ने वरिष्ठ अधिकारियों को भी शिकायत की है। बताया गया है कि दमोह नगर के पटवारी हल्का नंबर 16 में शासकीय भूमि पर भूमाफियाओं द्वारा जालसाजी करते हुए उक्त भूमि के अधिकारियों द्वारा पट्टे बनाकर बेच दी गई थी लेकिन आज भी यह अपने हक की लड़ाई के लिए परेशान हो रहे है।
    नगर के रेलवे ओवर ब्रिज से बड़ी देवी जाने वाले मार्ग के किनारे खसरा नंबर 730/1, 744/1, 823, 968, 970, 971, 975/1, 975, 976, 977, 978, 979 तथा 1029 आदि पर जमीन सीलिंग में करते हुए राजपत्र के अभिलेख में 24.83 हेक्टेयर दर्ज कर कई पूंजी पतियों द्वारा इसकी रजिस्ट्री करा ली। करोड़ो की यह भूमि मामूली दामों में बेच दी गई।
न्यायालय के आदेश का पालन नहीं
सर्वोच्च न्यायालय ने 24 मार्च 11 को स्पष्ट रूप से दिए थे कि सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और यह जिम्मेदारी उस राज्य के मुख्य सचिव की रहेगी कि सार्वजनिक स्थानों के साथ मंदिर ट्रस्ट की जमीनों पर अतिक्रमण या अवैध कब्जा या पट्टे की जमीन को बेचा नहीं जाएगा। इसके बाद भी लगभग यह 25 करोड़ की जमीन बेच दी गई।  इस संबंध में देव राधाकृष्ण मंदिर कमेटी के ट्रस्टी अनिल धगट, नरेन्द्र धगट, वीरेन्द्र धगट, महेन्द्र, सुधीर, दिलीप, अरविंद, जया, आभा, ममता, दीपक, गोविंद, शंकर, अंचला आदि ने अपीली की है कि उनके पूर्वजों ने देश सेवा की है। जिसकी वजह से उनके परिवार को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का दर्जा भी मिला, लेकिन उनके इस परिवार के मंदिर की रजिस्ट्री को शून्य करते हुए दोषियों के विरूद्ध अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है।
दमोह नगर से मांगज वार्ड 5 गायब
शिकायत में बताया गया है कि 18 नवम्बर 2010 को भूमाफियाओं द्वारा विक्रय पत्र के जरिये 5 किसानों से उक्त जमीन की रजिस्ट्री करा ली थी जिस पर अनुविभागीय अधिकारी द्वारा पट्टे निरस्त किए जाने का प्रस्ताव 31 दिसम्बर 10 को कलेक्टर को भेजा था, जिस पर आयुक्त को कार्रवाई हेतु पे्रषित किया गया था। कलेक्टर द्वारा भी पट्टो को निरस्त किए जाने के बाद अपर आयुक्त सागर द्वारा उक्त बेची गई भूमि को जायज मानते हुए स्थगन दे दिया था, जबकि आदेश में इस बात को दर्शाया गया कि दमोह नगर में मांगज वार्ड नंबर 5 है ही नहीं। इस प्रकार का निर्णय में उल्लेख करना सबसे बड़ी अनियमित्ताओं की बात है कि जब मांगज वार्ड नंबर 5 का पार्षद स्वयं इस बात के लिए प्रमाणित करें कि वह मांगज वार्ड नंबर 5 का पार्षद है और इसके बाद भी अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस बात को लेकर मंदिर ट्रस्ट कमेटी में रोष व्याप्त है।
    इस संबंध में ट्रस्टी दिलीप बाबा ने बताया कि इस जमीन को सुन्दर सिंधी, अजय पुत्र रसिक शाह, संचितानंद पुत्र जय नारायण दबे के नाम रजिस्ट्री कर दी गई। उक्त जमीन को लेकर इन्होंने अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की मांग की है। इस पूरे मामले में पट्टे निरस्त किए जाने के बाद भी इस जमीन की रजिस्ट्री होती रही। दिलीप बाबा ने वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है।

 

Created On :   7 Feb 2018 8:40 AM GMT

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