मंत्रालय में आग से जली फाइलों का कोई रिकॉर्ड नहीं

No record of burnt files in ministry of maharashtra
मंत्रालय में आग से जली फाइलों का कोई रिकॉर्ड नहीं
मंत्रालय में आग से जली फाइलों का कोई रिकॉर्ड नहीं

दैनिक भास्कर न्यूज डेस्क, मुंबई। मुंबई मंत्रालय में लगी आग की घटना को 5 वर्ष बीत चुके हैं। आगजनी में हजारों फाइलें जल गई थीं। इन फाइलों के जलने के बारे में विभाग के पास सही जानकारी नहीं है। सूचना अधिकार के तहत अभय कोलारकर को मंत्रालय से दी गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है।

आरटीआई के माध्यम से दो बार जानकारी मांगी गई। दोनों बार अलग-अलग आंकड़े दिए गए हैं। खास बात यह है कि हजारों फाइल्स जलने के बाद नई फाइल्स बनाई गई, लेकिन उनकी संख्या काफी कम है। विभाग की ओर से कहा गया है कि जली हुई फाइलों के बदले नई फाइलें बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ी है।

जलीं हजारों फाइलें, बनीं कम

मंत्रालय में विभिन्न विभागों की हजारों फाइलें जलीं। केवल संसदीय कार्य विभाग की फाइलें सलामत रहीं। शहर क्षेत्र में जमीन व अचल संपत्ति के मामले में महत्वपूर्ण नगर विकास िवभाग की 19476 फाइलें जलीं। उसमें से 6488 फाइल्स तैयार की गईं। 397 फाइल्स को तैयार करना उचित नहीं समझा गया। उद्योग, ऊर्जा व कामगार विभाग की 3543 जली फाइलों में से केवल 329 फाइलें तैयार की गईं। 3214 फाइलों को तैयार करना आवश्यक नहीं समझा गया। शालेय शिक्षा विभाग की 237, ग्राम विकास विभाग 223, विधि व न्याय विभाग 130 गृह निर्माण विभाग 229, कृषि व पणन विभाग 273, सहकार व वस्त्रोद्योग विभाग की 797 फाइलें जली थीं। इनमें कम फाइलें ही तैयार की गईं।

23,354 फाइलों का अंतर

गौरतलब है कि 21 जून 2012 को मुंबई मंत्रालय में लगी आग में बड़ी संख्या में विविध विभागों की फाइलें जली थीं। इमारत का भी नुकसान हुआ था। बाद में इमारत का नवीनीकरण किया गया। साथ ही महत्वपूर्ण विभागों की जली हुई फाइलों के बदले नई फाइलें तैयार की गईं। सामाजिक कार्यकर्ता कोलारकर ने 17 जनवरी 2013 को सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी, जिसमें बताया गया कि मंत्रालय में आगजनी में 63349 फाइलें जलीं।

26 सितंबर 2013 को दोबारा आवेदन करके जानकारी ली गई, तो बताया गया कि 86703 फाइलें जलीं। दो बार दी गई जानकरी में जली हुई फाइलों का अंतर 23354 बताया गया। सूचना अधिकार के तहत सितंबर 2013 में जो जानकारी दी गई उसके अनुसार 86703 जली फाइलों में से 23478 फाइलें ही दोबारा तैयार की गईं, जबकि 80848 फाइलों को तैयार करने की आवश्यकता नहीं पड़ी। जनवरी 2013 की जानकारी के अनुसार 6339 फाइलें तैयार की गईं। फाइल्स तैयार करने के आंकड़े में भी अंतर है।

पहले ही हो चुका था आधुनिकीकरण

तत्कालीन संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन पाटील के अनुसार मंत्रालय की फाइलों के प्रबंधन कार्य का पहले ही आधुनिकीकरण हो चुका था। कंप्यूटर डाटा उपलब्ध होने के कारण नई फाइलें तैयार नहीं करनी पड़ीं। इस संबंध में विधानमंडल में सरकार की ओर से खुलासा िकया जा चुका है।

Created On :   24 Jun 2017 12:34 PM GMT

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