अब 20 लाख तक की ग्रेच्युटी पर नहीं देना होगा कोई टैक्स, संसद में पारित हुआ विधेयक

No tax on gratuity up to 20 lakh, amendment bill passed in parliament
अब 20 लाख तक की ग्रेच्युटी पर नहीं देना होगा कोई टैक्स, संसद में पारित हुआ विधेयक
अब 20 लाख तक की ग्रेच्युटी पर नहीं देना होगा कोई टैक्स, संसद में पारित हुआ विधेयक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ग्रेच्युटी भुगतान संशोधन विधेयक 2017 गुरुवार को संसद से पास हो गया है। 15 मार्च को लोकसभा में हंगामे के बीच पारित होने के बाद आज राज्यसभा में इसे ध्वनिमत से पास कर दिया गया। इस संशोधन विधेयक के पास होने से कर्मचारियों की मौजूदा दस लाख रुपये की टैक्स फ्री ग्रेच्युटी की सीमा बढ़कर 20 लाख रुपये हो जाएगी। मौजूदा समय में 10 लाख रुपये तक की ग्रेच्युटी पर किसी भी तरह का टैक्स नहीं देना होता है। बता दें कि ग्रेच्युटी संगठ‍ित क्षेत्र के उन कर्मचारियों को मिलती है, जो किसी कंपनी में 5 साल या उससे ज्यादा समय के लिए अपनी सेवा देते हैं। उन्हें नौकरी छोड़ने पर या फिर सेवानिवृत्त‍ि के समय पर ग्रेच्युटी दी जाती है।

यह विधेयक केंद्र सरकार को कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की राशि निर्धारित करने का अधिकार देती है। मौजुदा अधिनियम के तहत ग्रेच्युटी की अधिकतम राशि 10 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती थी लेकिन संशोधन विधेयक पास होने के बाद उच्चतम सीमा को केंद्र सरकार अधिसूचित कर सकती है। इसके साथ ही अब निरंतर सेवा के तौर पर मातृत्व अवकाश अधिसूचित करने का भी अधिकार सरकार के पास हो गया है। मातृत्व लाभ (संशोधन) अधिनियम 2017 द्वारा 1961 के अधिनियम के तहत अधिकतम मातृत्व अवकाश 12 सप्ताह को बदलकर 26 सप्ताह कर दिया गया है।

क्या है ग्रेच्युटी
ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के तहत किसी भी संस्था, फैक्ट्री, खदान, रेलवे, कंपनी और 10 या इससे ज्यादा श्रमिकों को रोजगार देने वाली फर्म या दुकान को कर्मचारियों को ग्रेच्युटी भुगतान करने का प्रावधान है। इसके लिए यह जरूरी है कि कर्मचारी ने 5 साल या उससे ज्यादा समय से कंपनी में काम किया हो। यह वास्तव में कर्मचारी द्वारा कंपनी के लिए की गई लंबी सेवा की सराहना करने का एक जरिया है।

Created On :   22 March 2018 4:17 PM GMT

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