अमेरिका से बातचीत के लिए तैयार हुआ नार्थ कोरिया

North Korea Open to Talks with America According to South Korea
अमेरिका से बातचीत के लिए तैयार हुआ नार्थ कोरिया
अमेरिका से बातचीत के लिए तैयार हुआ नार्थ कोरिया

डिजिटल डेस्क, सोल। लंबे समय से अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच तल्खी भरा माहोल चल रहा है। कई बार दोनों देशों के बीच बातचीत को लेकर अटकले भी लगाई जाती रही, लेकिन इन अटकलों को गलत करार देकर खत्म कर दिया गया। इस बीच एक बार फिर उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच बातचीत के संकेत मिले है। बताया जा रहा है कि अमेरिका द्वारा लगाए गए नए और कड़े प्रतिबंधों के बाद उत्तर कोरिया बातचीत को तैयार हो गया है। साउथ कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से ये बात कही गई है।

साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन ने कहा कि प्योंगचांग में विंटर ओलंपिक के समापन समारोह के दौरान उनकी उत्तर कोरियाई जनरल किम योंग चोल के साथ मुलाकात हुई थी। राष्ट्रपति ने मुलाकात में कहा था कि दोनों देशों को जल्द ही अपने रिश्ते समान्य बनाकर बातचीत शुरू करनी चाहिए। राष्ट्रपति मून ने कहा कि इस दौरान उन्हें संकेत मिला कि उत्तर कोरिया अमेरिका से बातचीत के लिए तैयार है। साथ ही उत्तर कोरिया ने सहमति जताई कि अंतर-कोरियाई संबंध और उत्तर कोरिया-अमेरिकी संबंधों को एक साथ विकसित करना चाहिए।

उत्तर कोरिया के विदेश मंत्रालय ने शीतकालीन ओलंपिक के दौरान दोनों देशों द्वारा साथ आने की प्रशंसा की है लेकिन उन्होंने कहा है कि जैसे ही खेल समाप्त होने का समय करीब आ रहा है तब अमरीका "बड़े पैमाने पर नए प्रतिबंध लगाकर कोरियाई प्रायद्वीप में युद्ध के ख़तरे को पैदा कर रहा है।"

गौरतलब है कि इससे पहले शुक्रवार को अमेरिका ने उत्तर कोरिया खिलाफ कई प्रतिबंध लागू किये थे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया को आगाह करते हुए कहा था कि उत्तर कोरिया पर पहले दौर के प्रतिबंधों के काम न करने पर, दूसरे दौर के प्रतिबंध लगाए जाएंगे जो कि दुनिया के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण होंगे। अमरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने 28 जलपोत और 9 परिवहन से जुड़ी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है। जिन 27 कंपनियों को बैन किया है वह नार्थ कोरिया, सिंगापुर और चीन में रजिस्टर हैं। यूएस ट्रेजरी डिपार्टमेंट की ओर से कहा गया कि इन प्रतिबंधों को उत्तर कोरिया की शिपिंग और ट्रेडिंग कंपनियों व जहाजों को बाधित करने के लिए लगाया गया है, ताकि प्योंगयांग अकेला पड़ जाए।

 

Created On :   25 Feb 2018 1:50 PM GMT

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