उद्योग के लिए कठिनाई पैदा करने का मतलब नहीं
इस मौके पर उन्होंने कराधान, अवसंरचना, आरबीआई-सरकार के रिश्ते, भुगतान में हो रही देरी और कॉर्पोरेट की सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) जैसे विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए।
सीतारमण ने कहा, हमारा इरादा कार्पोरेट पर कर की दर घटाने का है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मुद्दे पर कभी दो विचार नहीं रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार सभी श्रेणी के कार्पोरेट्स पर एक समान 25 फीसदी की दर पर विचार करेगी, लेकिन यह तभी होगा जब कर राजस्व में तेजी आएगी।
सीतारमण ने कराधान के सरलीकरण और इससे लोगों को होने वाली प्रताड़ना को लेकर भी अपने विचार रखे।
उन्होंने कहा, हम करों के सरलीकरण पर काम कर रहे हैं। सीतारमण ने कहा कि प्रत्यक्ष कर संहिता समिति की सिफारिशें 15 अगस्त को जारी की जाएंगी और सरकार तत्काल इसे मंजूरी दे देगी।
उन्होंने सीआईआई के उपस्थित सदस्यों को यह भी सूचित किया कि वह देश के सभी छोटे-बड़े शहरों में यात्रा कर रही हैं और कार्पोरेट्स को कर को लेकर होनेवाली प्रताड़ना के बारे में जानकारी ले रही हैं।
उन्होंने बताया कि एक प्रौद्योगिकी संचालित प्लेटफार्म की स्थापना की जाएगी, जिस पर अपनी पहचान को बताकर या बताए बिना कार्पोरेट्स अपने प्रताड़ना के मामलों की रिपोर्ट कर सकेंगे।
सीतारमण ने कहा कि उनका इरादा उत्पीड़न से संबंधित मुद्दे का समाधान करना और यह सुनिश्चित करना है कि शक्तियों का दुरुपयोग न हो।
सीतारमण ने कहा, आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) और सरकार के बीच निश्चितता और सौहार्द्र का माहौल है। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच तालमेल निवेश के माहौल को बेहतर करने में मदद कर रहा है।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई (मध्यम, छोटे और लघु उद्योग) का सरकार पर 48,000 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें सरकार उस रकम को तुरंत जारी करने जा रही है, जिसमें कोई मुकदमेबाजी नहीं चल रही।
सीएसआर के मुद्दे पर सीतारमण ने कहा कि वह अपराध दंड प्रावधानों की समीक्षा करेगी और पूर्व प्रभाव से सीएसआर नोटिस अस्वीकार्य है और वह इन नोटिसों पर रोक लगाएगी।
सीआईआई के नवनियुक्त अध्यक्ष, उदय कोटक ने मंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा, उन्होंने भारतीय उद्योग का दिल जीत लिया है।
उन्होंने सरकार से विकास को बढ़ावा देने वाले साहसिक कदम उठाने का आह्वान किया।
--आईएएनएस
Created On :   9 Aug 2019 5:00 PM GMT