अब प्रदेश के हर आदिवासी बालिका छात्रावास में नियुक्त होंगे डॉक्टर

Now a doctor will be appointed in every tribal hostels of the state
अब प्रदेश के हर आदिवासी बालिका छात्रावास में नियुक्त होंगे डॉक्टर
अब प्रदेश के हर आदिवासी बालिका छात्रावास में नियुक्त होंगे डॉक्टर

दैनिक भास्कर न्यूज़ डेस्क, भोपाल। गुरुकुलम में रहस्यमय खौफ से बीमार पड़ी छात्राओं के मामले में जनजाति कल्याण मंत्री लाल सिंह आर्य ने गुरुवार को गुरुकुलम पहुंचकर छात्राओं से मुलाकात कर उनसे विस्तार से चर्चा की। ऐसे छात्रावासों में छात्राओं को हो रही स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए मंत्री ने प्रमुख सचिव अशोक शाह को निर्देश दिए हैं कि गुरुकुलम सहित सभी आदिवासी छात्रावासों में डॉक्टर नियुक्ति की व्यवस्था की जाए. साथ ही छात्राओं का हर 15 दिन में रेगुलर मेडिकल चेकअप भी कराया जाए।

दरअसल, बीते दिन गुरुकुलम की छात्राओं की अचानक तबियत बिगड़ने से जुड़ा घटनाक्रम दैनिक भास्कर ने प्रमुखता प्रकाशित किया था, जिसके बाद आदिम जाति काल्याण विभाग के प्रमुख सचिव एवं विभागीय मंत्री लाल सिंह आर्य गुरुकुलम छात्राओं से मिलने पहुंचे थे। 

देखें छात्राओं की मंत्री से बातचीत का वीडियो 

सीएसपी सहित दो थानोंं की पुलिस जांच में जुटी 

 महिला थाना एवं कोलार थाना की पुलिस टीम गुरुवार को गुरुकुलम की जांच करने पहुंचे। अयोध्या नगर सीएसपी रश्मि खुरमैया के नेतृत्व में कोलार थाना प्रभारी कुंवर सिंह मुकाती टीम के साथ एवं महिला थाना प्रभारी शिखा बैस एवं एसआई नीतू कुसमरिया महिला पुलिस बल के साथ गुरुकुलम की छात्राओं के बयान लेने पहुंचे। उन्होंने बीमारी का शिकार हुई सभी छात्राओं से एक बंद कमरे में चर्चा की। 

मानवाधिकार आयोग ने की जांच

मामले की गम्भीरता को देखते हुए मानवाधिकार आयोग भी संज्ञान लेते हुए एक टीम गठित कर छात्राओं के बयान लेने गुरुकुलम भेजी थी। टीम की सदस्यों ने भी छात्राओं से एक-एक कर चर्चा की, वहीं आवासीय विद्यालय के प्रत्येक कमरे का निरीक्षण किया। 

क्या था मामला 

राजधानी के बावडिय़ा कलां में स्थित गुरुकुलम की कुछ छात्राओं को डरावना सपना दिखा था। वे हास्टल में ही चीखने-चिल्लाने लगी। जिसके बाद प्रबंधन ने 13 छात्राओं को जेके हास्पिटल में उपचार के लिए भर्ती करया था। यहां ड्यूटी के दौरान सीएमओ डॉ शिवदत्त दीक्षित ने शारीरिक प्रताडऩा की आशंका में पुलिस को अवगत कर छात्राओं का मेडिकल चेकअप करने की सलाह दी। लेकिन जांच कराने से एडीओ एवं डिप्टी कमिश्नर ने साफ इंकार कर दिया। जिसके बाद डॉक्टर ने  छात्राओं का प्राथमिक उपचार कर उन्हें हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया था। लेकिन हमीदिया में इलाज न कराकर सभी छात्राओं को एक  निजी चिकित्सक राकेश भार्गव के क्लीनिक पर उपचार कराया गया। जिसके बाद छात्राओं को गुरुकुलम भेज दिया गया।

जिम्मेदारों के बयान 

  • मामले की वस्तुस्थित से वार्डन एवं एडीओ ने अवगत कराया है। मैंने स्वयं छात्राओं से बात की। छात्राएं पूरी तरह स्वस्थ्य है और गुरुकुलम में रहकर खुश है। हालांकि मामले की जांच के निर्देश दिये हैं। जांच में जो भी दोषी होगा कार्यवाही करेंगे।  -लाल सिंह आर्य, मंत्री आदिम जाति कल्याण विभाग

 

  • मामला संदेहास्पद है। छात्राओं का ब्रेन वॉस किया गया है। आदिवासी बच्चों के साथ छेड़छाड़ की आशंका है। मामले में निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे। -विपिन टोप्पो, आदिवासी समाज सेवक

   

 

 

Created On :   29 Jun 2017 5:00 PM GMT

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