महिला को 'छम्मकछल्लो' कहना पड़ा महंगा, खाई जेल की हवा
डिजिटल डेस्क ,मुम्बई। “wanna be my छम्मकछल्लो” रॉ वन फिल्म का ये गाना काफी प्रचलित है और आप हर किसी को इस शब्द को इस्तेमाल करते देख सकतें हैं। भाषा के शब्द "छम्मकछल्लो" का इस्तेमाल बॉलीवुड के गाने में तो आपको लुभावना लग सकता है लेकिन असली जिंदगी में इस शब्द का इस्तेमाल करने पर आप कानूनी परेशानी में फंस सकते हैं।ठाणे की एक अदालत ने कहा है कि इस शब्द का इस्तेमाल करना "एक महिला का अपमान करने" के बराबर है। एक मजिस्ट्रेट ने अपने पड़ोस में रहने वाली महिला को छम्मकछल्लो कहा था जिस पर पड़ोसी ने इसकी शिकायत की। वहीं अदालत ने भी इस मामले को गंभीर लेते हुए इस पर अपना फैसला सुनाया और आरोपी को "अदालत के उठने तक" साधारण कैद की सजा सुनाई और उस पर एक रूपए का जुर्माना लगाया ।
आखिर क्या है पूरा मामला?
पड़ोसी में रहने वाली महिला ने शिकायत की कि नौ जनवरी 2009 को जब वह अपने पति के साथ सैर से लौट रही थी, तब उसे एक कूड़ेदान से ठोकर लग गई। महिला ने कहा कि यह कूड़ेदान उक्त आरोपी ने सीढ़ियों पर रखा था। इस बात पर दोनों पक्षों में झगड़ा हो गया और इसी बीच ताव में आकर युवक ने महिला को "छम्मकछल्लो" कहकर पुकारा। इस शब्द से गुस्साकर महिला ने पुलिस से संपर्क किया लेकिन पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया। तब महिला ने अदालत का रुख किया।
8 साल बाद आया फैसला
इस घटना के आठ साल बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट आर टी लंगाले ने उनके मामले को उचित ठहराते हुए भारतीय दंड संहिता की धारा 509 (शब्द, इशारे या किसी गतिविधि से महिला का अपमान) के तहत अपराध किया है मामले पर सुनवाई की और फैसला सुनाया।
मजिस्ट्रेट ने आदेश में क्या कहा?
मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा, "यह एक हिंदी शब्द है अंग्रेजी में इसके लिए कोई शब्द नहीं है भारतीय समाज में इस शब्द का अर्थ इसके इस्तेमाल से समझा जाता है आम तौर पर इसका इस्तेमाल किसी महिला का अपमान करने के लिए किया जाता है। यह किसी की तारीफ करने का शब्द नहीं है। इससे महिला को चिढ़ होती है और उसे गुस्सा आता है। इसलिए किसी महिला को छम्मकछल्लों कहा जाना सही नहीं।
Created On :   4 Sep 2017 9:37 AM GMT