अब 9.30 से 5 बजे तक लगेंगे सरकारी प्राइमरी-मिडिल स्कूल

Now government primary-middle school will be held from 9.30 am to 5 pm
 अब 9.30 से 5 बजे तक लगेंगे सरकारी प्राइमरी-मिडिल स्कूल
 अब 9.30 से 5 बजे तक लगेंगे सरकारी प्राइमरी-मिडिल स्कूल

डिजिटल डेस्क छतरपुर । बच्चों की दक्षता संवर्धन के तहत आयोजित मिडलाइन टेस्ट में पिछडऩे के बाद अब स्कूलों के समय में परिवर्तन कर अतिरिक्त कक्षाएं लगाए जाने के निर्देश जिले की सभी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को दिए गए हैं। कलेक्टर मोहित बुंदस ने सोमवार 25 नवम्बर से जिले के सभी सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल सुबह 10.30 बजे की जगह सुबह 9.30 बजे से लगाने के निर्देश दिए हैं। स्कूलों में छुट्?टी शाम 4.30 बजे बजाय शाम 5 बजे होगी। हालांकि सवाल ये उठ रहा है कि आने वाले कुछ दिनों में कड़ाके की ठंड पडऩे वाली है। ऐसे में इस आदेश का पालन व्यवहारिक दृष्टि से कैसे होगा। ये देखने वाली बात होगी। गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से शिक्षकों के तबादलों का दौर जारी है, ऐसे में बच्चों की प्रोग्रेस प्रभावित होना स्वाभाविक है।
तबादले में उलझे रहे शिक्षक
 जानकारों की माने तो इस साल शिक्षा विभाग में अगस्त, सितम्बर तक तबादले की प्रक्रिया शुरू की गई। ज्यादातर शिक्षक तबादले प्रक्रिया को लेकर ही दो से तीन महीने तक परेशान होते रहे। अब भी तबादले जारी हैं। यही वजह है कि दो महीने सरकारी स्कूलों में पढ़ाई उस गति से नहीं हो पाई जिस गति से होनी चाहिए।
होगी कार्रवाई 
 डीपीसी आरपी लखेर का कहना है कि इस साल 5वीं और 8वीं कक्षाओं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर आयोजित की जा रही है। लिहाजा बच्चों को बोर्ड परीक्षा से संबधित तैयारिया कराने के लिए स्कूलों के समय में परिवर्तन किया गया है। दक्षता संवर्धन में पिछडऩे के बाद भी अगर अब शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ तो संबधित शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। 
शाम 5.00 बजे तक होने लगता है अंधेरा 
शाम 5.00 बजे तक स्कूल लगाने का आदेश भले ही आननफानन में जारी कर दिया गया हो, लेकिन सवाल ये भी है कि ठंड के समय में शाम 5.00 बजे तक अंधेरा होने लगता है। अंधेरा होने पर मासूम बच्चे स्कूल से घर कैसे पहुंचेंगे समझ से परे है, जो बच्चे स्कूल से दूर रहते हैं। वे बच्चे अगर शाम 5.00 बजे तक स्कूल में रहेंगे तो घर कब तक पहुंचेंगे अभिभावक चिंतित हैं।
पढ़ाई न होने से जिला पिछड़ा 
प्रदेश के सभी जिलों में 5वीं और 8वीं के बच्चों को मिडलाइन टेस्ट लिया गया था, इसमे छतरपुर जिला अन्य जिलों के मुकाबले पिछड़ गया। अगर समय पर कक्षाएं लगतीं, शिक्षक कक्षाएं लेते और अधिकारी मॉनिटरिंग करते तो टेस्ट में जिले की उपलब्धि बेहतर होती।
 

Created On :   25 Nov 2019 9:28 AM GMT

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