अब आसानी से बदल सकेंगे घुटने, सरकार ने लगाई ट्रांसप्लांट की मानमानी कीमतों पर लगाम
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोदी सरकार ने हार्ट के मरीजों के लिए स्टेंट की कीमत कम करने के बाद अब घुटना प्रतिरोपण (knee trasplant) में रियायत देने का फैसला किया है। सरकार ने नी ट्रांसप्लांट की कीमत 54 हजार रुपए से 1.14 लाख रुपए के बीच तय कर दी है। इसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक बड़ा फैसला माना जा रहा है।
बता दें नी ट्रांसप्लांट की कीमत में कटौती के बाद मौजूदा लागत में करीब 70% तक की कमी की गई है। नई कीमतों के बाद अब भारत में घुटने बदलवाना और भी आसान हो जाएगा, क्योंकि नी ट्रांसप्लांट के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल्स मनमानी कीमतें वसूलते थे। वहीं अब नी ट्रांसप्लांट की कीमतें तय होने के बाद मरीजों के जरिए इस तरह की सर्जरी कराने में सालाना 15 सौ करोड़ रुपए की बचत हो सकेगी।
गलत तरीके से पैसे कमाने पर लगेगी लगाम
रसायन और उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार अवैध और गलत तरीके से मुनाफा कमाने के चलन पर अंधी बनकर नहीं रहेगी। सरकार के आंकड़ों के अनुसार देश में करीब डेढ़ से दो करोड़ लोग इस तरह की बीमारी से ग्रसित हैं। भारत में हर साल 1.2 लाख से डेढ़ लाख ऐसे ऑपरेशन होते हैं। एनपीपीए ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि ऑर्थोपेडिक नी इम्प्लांट पर औसत लाभ 313 प्रतिशत होने का पता चला है।
वहीं मेटल जिनकोनिम नी ट्रांसप्लांट की कीमत ढाई से साढ़े चार लाख तक वसूली जाती है। सरकार ने इसे घटाकर 76600 रुपये तय कर दी हैं। इसके अलावा हाई फ्लेग्जीबिलिटी सीलिंग नी ट्रांसप्लांट की क़ीमत जो पहले 1,81,728 थी, उसे घटाकर 56,490 कर दिया गया है।
54,720 में बदला जाएगा घुटना
सरकार के फैसले के मुताबिक सामान्य घुटना प्रतिरोपण में अब 54,720 रुपए का खर्च आएगा। जबकि अब तक घुटने बदलवाने में डेढ़ से ढाई लाख रुपए तक का खर्च आता था। इस फैसले का ऐलान करते हुए अनंत कुमार ने ये भी बताया कि सरकार के इस कदम से मरीजों के 1500 करोड़ रुपये बचेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार के पास जो आंकड़े हैं उसके मुताबिक हर साल एक से डेढ़ लाख लोग ऑपरेशन के जरिए घुटने बदलवाते हैं।
Created On :   17 Aug 2017 5:17 AM GMT