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आधुनिक मशीनों से होगा रेल ट्रेक का रखरखाव
डिजिटल डेस्क, जबलपुर। पश्चिम मध्य रेलवे में कई नई ट्रेक रिनूवल ट्रेन (टीआरटी) आयी हैं, जिससे तीनों रेल मंडलों जबलपुर, भोपाल व कोटा में ट्रेकों के रखरखाव व नवीनीकरण का काम किया जा रहा है। बताया जाता है कि यह मशीन बहुत तेजी से कार्य करती हैं। अधिकारियों की मानें तो इस मशीन से कार्य होने के बाद बेहतर परिणाम सामने आएंगे।
नवीनीकरण में देती हैं अपना योगदान
बताया जाता है कि यह रेलवे का एक अहम हिस्सा है, जो ट्रेन के मूवमेन्ट के लिए पथ प्रदान करता है। इस रेलपथ की मरम्मत एवं नवीनीकरण के लिये रेलवेे के पास कुछ चुनिंदा मशीनें हैं, जो रेल पथ के नवीनीकरण में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। जानकारी के अनुसार भारतीय रेलवेे के पास कुल 6 टीआरटी मशीनें हैं, उनमें से सबसे पुरानी टी.आर.टी. मशीन पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल मंडल में कार्य कर रही है।
क्या खास है इस मशीन में
जानकारी के अनुसार टीआरटी उन मशीनों मे से एक है, जो इस समय बीना-गुना खण्ड में कार्यरत हैं। मशीन में एक साथ लगभग 30 मशीन स्टाफ, 4 सुपरवाइजर, 10 ट्रेकमेन्टेनर एवं 70 कैजुअल लेवर कार्य करते हैं। इस मशीन का मुख्य कार्य पुराने स्लीपर को निकालकर नये स्लीपर डालना है। एक दिन के 3 घण्टे के ब्लॉक में यह मशीन पुराने स्लीपर निकालकर नये लगभग 500 स्लीपर डाल देती है।
तो लग जाते हैं दो से तीन दिन
इस मशीन को सुचारू रूप से कार्य करने के लिये इसमें 30 लोग प्रतिदिन रखरखाव कार्य के लिये अपना योगदान देते हैं, अगर इसी कार्य को मैनुअल लेवर द्वारा कराया जाये तो इसी कार्य को करने के लिये 2-3 दिन लगते हैं। इस तरह टी.आर.टी. मशीन द्वारा कार्य करने से समय और लेवर की बचत होती है एवं कार्य की गुणवत्ता अच्छी रहती है। गुणवत्ता अच्छी होने के साथ ही सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। ट्रेक पर सुधार कार्य शीघ्र होने के कारण ट्रेने प्रभावित नहीं होती हैं और यात्रियों को परेशानी का सामना भी नहीं करना पड़ता है।
Created On :   9 Jan 2019 2:38 PM GMT