नर्मदा में नालों से बढ़ते प्रदूषण पर अब एनजीटी करेगा सुनवाई

now NGT will  hear the rising pollution from the drains in Narmada
नर्मदा में नालों से बढ़ते प्रदूषण पर अब एनजीटी करेगा सुनवाई
नर्मदा में नालों से बढ़ते प्रदूषण पर अब एनजीटी करेगा सुनवाई

डिजिटल डेस्क जबलपुर। नर्मदा नदी में ओमती, खंदारी व शाहनाला के मिलने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) सुनवाई करेगा। सोमवार को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की बेंच ने मामला ट्रिब्यूनल में ट्रांसफर करने के निर्देश दिए। यह जनहित याचिका जबलपुर निवासी संजय यादव की ओर से दायर की गई थी। याचिका में कहा गया है कि नर्मदा नदी को प्रदूषित करने वाले गंदे नालों को नदी में मिलाने पर मनाही है। नगर निगम से मिली जानकारी का हवाला देकर याचिका में कहा गया है ओमती नाला परियट में मिलता है और फिर परियट का गंदा पानी नर्मदा नदी में मिल जाता है। इसी तरह खंदारी नाला और शाह नाला भी नर्मदा में मिलते हैं। 

आवेदक का कहना है कि अब पूरे शहर में बिछाई जा रही सीवर लाइन को इन्हीं नालों में जोड़ा जा रहा है, जिससे नर्मदा नदी में और प्रदूषण बढ़ेगा और संक्रामक बीमारियां भी फैलेंगी। आवेदक का दावा है कि तिलवारा के पास से गुजरने वाले नाले को फिल्ट्रेशन प्लांट के पास से तिलवारा नहर में मिला दिया जाए तो इससे पाटन तक के किसानों को खेती में फायदा मिलेगा। इस संबंध में दी गई शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई न होने पर यह याचिका दायर की गई। याचिका में राज्य सरकार, संभागायुक्त व कलेक्टर जबलपुर सहित नगर निगम आयुक्त, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के डायरेक्टर और रानी अवंती बाई सागर परियोजना के चीफ इंजीनियर को पक्षकार बनाया गया था। इस मामले पर जुलाई 2016 को हुई प्रारंभिक सुनवाई पर हाईकोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये थे। सोमवार को आगे हुई सुनवाई के बाद युगलपीठ ने याचिका को ट्रिब्यूनल में ट्रांसफर करने के निर्देश दिए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विपिन यादव ने पक्ष रखा।     

Created On :   12 Sep 2017 10:10 AM GMT

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