बिजली बिल देरी से भरने पर अब 24 नहीं 12 प्रतिशत लगेगा ब्याज

Now, on the delay in payment of electricity duty, interest will be 12% instead of 24
बिजली बिल देरी से भरने पर अब 24 नहीं 12 प्रतिशत लगेगा ब्याज
बिजली बिल देरी से भरने पर अब 24 नहीं 12 प्रतिशत लगेगा ब्याज

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राज्य सरकार ने विद्युत शुल्क (इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी) के भुगतान में विलम्ब करने पर लगने वाले ब्याज की दर को 43 साल बाद कम कर दिया है। पहले यह ब्याज दर 24 प्रतिशत प्रति वर्ष लगती थी, जिसे घटाकर 12 प्रतिशत प्रति वर्ष कर दिया गया है। 

ज्ञातव्य है कि बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के बिलों में प्रति यूनिट बिजली की दर के अलावा राज्य सरकार द्वारा इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी भी लगाई जाती है। यह ड्यूटी बिजली वितरण कंपनियों द्वारा हर माह उपभोक्ताओं से वसूल की जाती है और उसे अगले माह इसका भुगतान राज्य सरकार को करना होता है। स्वयं का निजी विद्युत उत्पादन प्लांट (केप्टिव पावर प्लांट) लगाने वाले उद्योगों पर भी राज्य सरकार इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी लगाती है और उसे हर माह राज्य सरकार को अदा करना होता है। यदि इस इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के भुगतान में विलम्ब किया जाता है तो इस पर ब्याज का भुगतान करना होता है।

इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी लगाने के संबंध में राज्य सरकार ने 69 साल पहले मप्र विद्युत शुल्क नियम 1949 बनाए और 22 जुलाई, 1975 को अधिसूचना जारी कर इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी के भुगतान में विलम्ब करने पर 24 प्रतिशत प्रति वर्ष के हिसाब से ब्याज का भुगतान करने का प्रावधान किया। बिजली वितरण कंपनियां और केप्टिव पावर प्लांट लगाने वाले निजी उद्योग प्राय: निर्धारित समय पर इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी का भुगतान राज्य सरकार को नहीं कर पाती थीं। इससे कई मामले न्यायालय में भी गए। इस पर राज्य सरकार ने प्रमुख सचिव विधि की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जिसने सिफारिश की कि यह ब्याज दर बहुत अधिक है तथा इसे कम किया जाए। इस पर अब राज्य सरकार ने अपने ऊर्जा विभाग के माध्यम से इस ब्याज दर को 24 प्रतिशत से घटाकर आधा यानि 12 प्रतिशत प्रति वर्ष कर दिया है।

अभी इस इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी को जमा करने का आनलाईन प्रावधान नहीं हुआ है। ट्रेजरी में यह राशि जमा करने के बाद मुख्य विद्युत निरीक्षक कार्यालय को भुगतान के साथ अन्य आवश्यक विवरण भी मेनुअली देने होते हैं। यह कार्यालय देखता है कि उपयोग या उत्पादित की गई बिजली के हिसाब से इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी अदा की गई है या नहीं। यदि ड्यूटी कम अदा की गई है तो वह शेष राशि का डिमांड नोट जारी कर देता है तथा इस शेष राशि को भी ब्याज सहित भुगतान करना होता है।

इनका कहना है
‘‘राज्य सरकार ने विद्युत शुल्क के भुगतान में विलम्ब पर ब्याज दर घटाकर 12 प्रतिशत वर्ष कर दी है और इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।’’
पीके चतुर्वेदी ओएसडी, ऊर्जा विभाग मप्र

 

 

Created On :   17 July 2018 3:09 PM GMT

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