अजीत डोभाल के बेटे ने जयराम रमेश और कारवां मैगजीन पर किया मानहानि केस

अजीत डोभाल के बेटे ने जयराम रमेश और कारवां मैगजीन पर किया मानहानि केस
अजीत डोभाल के बेटे ने जयराम रमेश और कारवां मैगजीन पर किया मानहानि केस
अजीत डोभाल के बेटे ने जयराम रमेश और कारवां मैगजीन पर किया मानहानि केस
हाईलाइट
  • अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल सोमवार को नई दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे।
  • कारवां मैगजीन ने विवेक डोभाल पर एक विवादित लेख लिखा था।
  • विवेक ने द कारवां मैगजीन के श्रॉफ और जयराम रमेश के खिलाफ अपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटे विवेक डोभाल ने द कारवां मैगजीन के लेखक कौशल श्रॉफ और सीनीयर कांग्रेस नेता जयराम रमेश के खिलाफ अपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया है। विवेक ने सोमवार को नई दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में यह केस फाइल किया है। दरअसल कारवां मैगजीन ने विवेक डोभाल पर एक विवादित लेख लिखा था। इस लेख में विवेक पर आरोप लगाया गया था कि वह केमन आइलैंड में हेज फंड चला रहे हैं।

 

 

मानहानि केस में विवेक ने दावा किया है कि सभी आरोप निराधार हैं और उनके पास इसे साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। उन्होंने कहा, "मैंने सारे सबूत सबमिट कर दिए हैं। अब यह कोर्ट के ऊपर है।" विवेक ने कहा कि यह सभी आरोप उनके पिता अजीत डोभाल से बदला लेने और पूरे परिवार को बदनाम करने के लिए लगाए जा रहे हैं। एडीशनल चीफ मेटरोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करेंगे।

 

 

केमन आइलैंड को टैक्स हेवन यानि कर मुक्त क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है। कारवां मैगजीन में कौशल श्रॉफ द्वारा लिखे गए रिपोर्ट में दावा किया गया था कि विवेक द्वारा चलाया जा रहा हेज फंड, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी की घोषणा (8 नवंबर, 2016) के 13 दिन बाद रजिस्टर कराया गया था। मैगजीन ने दावा किया था कि इस हेज फंड के प्रमोटर संदिग्ध हैं। इस लेख को "द डी-कंपनीज" नाम दिया गया था। इस लेख के पब्लिश होने के बाद कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने विवेक डोभाल पर गंभीर आरोप लगाए थे। वहीं जयराम रमेश ने विवेक पर मनी लॉडरिंग का आरोप लगाया था। 

"द डी-कंपनीज" नाम के लेख में दावा किया गया है कि विवेक डोभाल ने नोटबंदी के 13 दिन बाद GYN एशिया नाम के एक हेज फंड की शुरुआत की थी। यह फंड फॉरेन से आ रहे पैसे को प्राप्त करने के लिए बनाया गया था। मैगजीन का दावा था कि 2017 से 2018 के दौरान एक साल में इस फंड में करीब 8,300 करोड़ रुपए जमा किए गए। जबकि बीते 17 साल में इतना विदेशी निवेश (FDI) नहीं आया था। वहीं जयराम रमेश ने इसमें घोटाले का आरोप लगाया था और पूछा था कि इतने कम दिनों में इतना पैसा कैसे आ गया। 


 

Created On :   21 Jan 2019 12:51 PM GMT

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