गुरुग्राम: NSG कमांडो ने पत्नी और साली को गोली मारकर की आत्महत्या

nsg commando kill his wife sister in law and then shoot himself
गुरुग्राम: NSG कमांडो ने पत्नी और साली को गोली मारकर की आत्महत्या
गुरुग्राम: NSG कमांडो ने पत्नी और साली को गोली मारकर की आत्महत्या

डिजिटल डेस्क, गुरुग्राम। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के एक कमांडो ने मानेसर शिविर में अपने फ्लैट में गोली मार कर आत्महत्या कर ली। इससे पहले कमांडो ने अपनी पत्नी और साली को भी गोली मारकर घायल कर दिया। पुलिस ने बताया कि एनएसजी कमांडो जितेन्द्र यादव उत्तर प्रदेश के कानपुर महानगर का रहने वाला था। जितेंद्र सिंह को एनएसजी के साथ एक सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) के रूप में तैनात किया गया था। वह सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से प्रतिनियुक्ति पर थे। कमांडों ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से ही खुद को गोली मारी। कमांडों जितेंद्र NSG कैंप में ही मकान नंबर-42 में रहता था। 

 

बता दें कि एनएसजी कमांडो X,Y,Z श्रेणी की सुरक्षा में तैनात रहते हैं, घटना की जांच कर रहे अधिकारी ने बताया कि एनएसजी कमांडो जितेंद्र अपनी पत्नी गुड्न (30) और साली खुश्बू (17) को गोली मारने के बाद खुद को गोली मारी। हालांकि दोनों को मानेसर में रॉकलैंड अस्पताल में गंभीर चोटों के साथ भर्ती कराया गया है। घटना को अंजाम दिए जाने का मोटिव अभी तक पता नहीं चल पाया है। घटना के संबंध में जांच की जा रही है। मृतक कमांडो के दो बच्चे भी हैं। घटना करीब 9 बजे हुई। 

 

 

पुलिस ने कमांडो के शव को पीएम के लिए भेज दिया है। इसके साथ ही कमांडो के परिवार को भी कानपुर में घटना के बारे में सूचित कर दिया गया है। पुलिस फिलहाल कमांडो की पत्नी और साली के ठीक होने का इंतजार कर रही है। जिसके बाद ही साफ हो पाएगा कि घटना को अंजाम देने के पीछे क्या कारण था। 

 

गुजरात में बड़े भाई को किया था फोन

मूसानगर थाना क्षेत्र के सरांय गांव निवासी गया प्रसाद के छह बेटों में कमांडो जितेन्द्र कुमार सबसे छोटा था। घटना की जानकारी गांव पहुंचते ही परिवार के लोग गुड़ग्राम रवाना हो गए। जानकारी के अनुसार, सोमवार को ही उसने गुजरात में बड़े भाई को फोन करके पत्नी से परेशान होने और किसी तरह उसे समझाने की बात कही थी। जितेन्द्र की गुड्डन के साथ शादी करीब 10 साल पहले हुई थी।

कमांडो जितेंद्र की पत्नी गुड्डन का मायका कानपुर के घाटमपुर थाना क्षेत्र के मिलकिनपुर गांव में है। पड़ोसियों के अनुसार, जितेन्द्र नवंबर में छुट्टी लेकर गांव आया था। वह 26 नवंबर को ही यहां से गया था। जितेन्द्र का अपनी पत्नी से विवाद चलता था। पैसे खर्च करने पर वह अक्सर उससे झगड़ती थी। इसी पारिवारिक कलह के चलते जितेंद्र ने यह कदम उठाया है।

 

Created On :   6 Dec 2017 5:41 AM GMT

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