विदेश में उच्च शिक्षा के लिए सामान्य-ओबीसी छात्रों को मिलेगी स्कॉलरशिप

OBC or General students will get scholarship for higher education in abroad
 विदेश में उच्च शिक्षा के लिए सामान्य-ओबीसी छात्रों को मिलेगी स्कॉलरशिप
 विदेश में उच्च शिक्षा के लिए सामान्य-ओबीसी छात्रों को मिलेगी स्कॉलरशिप

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठा समाज के आंदोलन के बाद राज्य सरकार सामान्य वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग समाज को साधने की कोशिश में है। मराठा समाज के छात्रों के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू करने के लिए  सरकार अब सामान्य वर्ग और ओबीसी समाज के विद्यार्थियों को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति देगी। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस फैसले को मंजूरी दी। इसके अनुसार राज्य के सामान्य वर्ग (ओपन) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के विद्यार्थियों को विदेश में नामचीन विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा के लिए इस साल से छात्रवृत्ति योजना शुरू की जाएगी।

वार्षिक आय 20 लाख रुपए से अधिक नहीं हो
यह छात्रवृत्ति  योजना अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के विद्यार्थियों के लिए लागू योजना की तर्ज पर होगी। छात्रवृत्ति योजना के लिए लाभार्थी विद्यार्थियों की अधिकतम संख्या प्रति वर्ष 20 तय की गई है। जिसमें 10 विद्यार्थी सामान्य वर्ग और बाकी के 10 विद्यार्थी अन्य पिछड़ा वर्ग, विमुक्त जाति व घुमंतु जनजाति और विशेष पिछड़ा वर्ग के होंगे। योजना के लाभ के लिए सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की एकत्रित वार्षिक आय 20 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए। जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग और दूसरे समाज के विद्यार्थियों के लिए नॉन क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा। योजना के लिए सरकार ने 20 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। विद्यार्थियों को डिग्री, स्नातकोत्तर और पीएचडी पाठ्यक्रमों के लिए यह छात्रवृत्ति दी जाएगी।

नागपुर में बनेगा रीजनल जीरियाट्रिक सेंटर
इसके अलावा नागपुर के शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में रीजनल जीरियाट्रिक सेंटर बनाया जाएगा। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने इस फैसले को मंजूरी प्रदान दी। मंत्रिमंडल ने जीरियाट्रिक सेंटर बनाने के लिए सामंजस्य करार करने की स्वीकृति दी है। इस सेंटर के माध्यम से बुजुर्गों के लिए स्वास्थ्य से जुड़ी सभी सुविधाएं स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराने में मदद हो सकेगी। केंद्र सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से राष्ट्रीय वृद्धजन स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम (एनपीएचसीई) चलाया जाता है। इसके तहत विभागीय जीरियाट्रिक सेंटर खोला जाएगा।

इसके लिए केंद्र सरकार 60 और राज्य सरकार 40 प्रतिशत निधि देगी। सेंटर के लिए पदों के सृजन के बारे में प्रस्ताव संबंधित उच्चस्तरीय समिति की मंजूरी के लिए तीन साल में भेजा जाएगा। सेंटर बनाने के लिए सामंजस्य करार करने हेतु मेडिकल शिक्षा व संसोधन विभाग के निदेशालय को अधिकृत किया गया है। राज्य सरकार के अनुसार सेंटर बनाने के लिए 5.33 करोड़ रुपए निधि दी जाएगी। सेंटर में 38 नए पदों के लिए 1.94 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 
 

Created On :   21 Aug 2018 2:21 PM GMT

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