जहां बने थे किचन शेड वहीं की कराई स्वीकृति, जांच में गड़बड़ी मिलने पर बीएसी निलंबित

Officer suspended after found responsible for construction fraud
जहां बने थे किचन शेड वहीं की कराई स्वीकृति, जांच में गड़बड़ी मिलने पर बीएसी निलंबित
जहां बने थे किचन शेड वहीं की कराई स्वीकृति, जांच में गड़बड़ी मिलने पर बीएसी निलंबित

डिजिटल डेस्क, सीधी। विकासखंड कुसमी के जिन विद्यालयों में किचन शेड पूर्व से बने हुए थे। बीएसी द्वारा उन्हीं की फिर से स्वीकृति कराने के बाद जब गड़बड़ी उजागर हुई तो तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। दो लाख की लागत से बनने वाले किचन शेड की स्वीकृति में नियम कायदों की अनदेखी करने पर भौतिक सत्यापन कराने आदेश दिया गया था। प्रतिवेदन बाद यह कार्रवाई की गई है।

जानकारी के अनुसार विकासखंड कुसमी अंतर्गत संचालित विद्यालयों में 65 किचन शेड निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। जिन विद्यालयों में किचन शेड सह गोदाम के निर्माण की स्वीकृति जारी हुई उसमें से 58 विद्यालय ऐसे रहे जहां पहले से ही किचन शेड बनाए गए थे। केवल सात विद्यालयों में किचन शेड का निर्माण नहीं कराया गया था। शिकायत मिलने पर जिला पंचायत सीईओ द्वारा भौतिक सत्यापन के लिये आदेश जारी किया गया, जहां जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा की गई जांच में बीएसी दिलीप कुमार प्रजापति को दोषी बताया गया है।

सौंपे गए प्रतिवेदन में कहा गया है कि बीएसी ने जानबूझकर उन विद्यालयों में किचन शेड निर्माण की स्वीकृति दिलाई जहां पहले से ही निर्माण किया गया था। इस तरह से प्रति किचन शेड दो लाख के मान से 1 करोड़ 16 लाख रूपए हजम करने की योजना बनाई गई थी। यह तो अच्छा था कि शिकायत मिलते ही भौतिक सत्यापन कराया गया जहां गड़बड़ी की सच्चाई सामने आ गई है। एक तरफ किचन शेड निर्माण की स्वीकृति में गड़बड़ी पाए जाने पर जहां कुसमी के बीएसी को  निलंबित कर दिया गया है वहीं निलंबित बीएसी ने अपने को निर्दोष बताया है।

निलंबन बाद सीईओ जिला पंचायत को लिखे पत्र में बीएसी ने कहा कि पंचायतों के प्रस्ताव पर किचन शेड निर्माण की सूची तैयार की गई थी और प्रशासकीय स्वीकृति के दौरान उनसे भी प्रति हस्ताक्षर करा लिये गए थे। ऐसा उन्होंने संबंधित अधिकारियों पर विश्वास जताते हुए किया था, किंतु गड़बड़ी पाए जाने पर अकेले उन्हें ही निलंबन का शिकार होना पड़ा है। बता दें कि जिला पंचायत में अधोसंरचना मद में हुए 18 करोड़ के घपले के बाद किचन शेड निर्माण में गलत तरीके से स्वीकृत जारी कराने का मामला भी सुर्खियो में रहा है। इसीलिये सीईओ जिला पंचायत ने भौतिक सत्यापन के आदेश जारी किये जहां गड़बड़ी पाये जाने पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।

दो लाख का था एक किचन शेड

शुरूआती जांच में कुसमी ब्लाक में 56 किचन शेड हवा में तैयार करने की जानकारी जहां सही पाई गई है वहीं दूसरे ब्लाकों में भी इसी तरह की गड़बड़ी किए जाने की बात कही जा रही है। सच्चाई उजागर होने के बाद संबंधित बीएसी भले ही अपने को निर्दोष बता रहे हैं, किंतु गड़बड़ी करने वाले समूह में वे भी बराबर के सहभागी रहे हैं।

इनका कहना है
किचन शेड सह गोदाम निर्माण की स्वीकृति जारी करने के पहले जिला पंचायत के मध्यान्ह भोजन शाखा द्वारा सूची तैयार कर ली गई थी उनसे केवल सूची में हस्ताक्षर करने कहा गया था। नए किचन शेड निर्माण की बात पर उन्होंने हस्ताक्षर कर दिए थे, लेकिन कार्रवाई के प्रथम चरण में स्कूलों का चिन्हांकन ग्राम पंचायत के प्रस्तावों के आधार पर किया गया था। गड़बड़ी के मामले में उनका दोष नहीं है।
दिलीप कुमार प्रजापति
बीएसी, कुसमी

 

Created On :   22 Jun 2018 8:18 AM GMT

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