पुराने नोटों को ईंट में तब्दील कर दोबारा किया जाएगा इस्तेमाल : रिजर्व बैंक

Old notes will be converted into bricks for reuse: Reserve Bank
पुराने नोटों को ईंट में तब्दील कर दोबारा किया जाएगा इस्तेमाल : रिजर्व बैंक
पुराने नोटों को ईंट में तब्दील कर दोबारा किया जाएगा इस्तेमाल : रिजर्व बैंक

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली ।  साल 2016 में हुई नोटबंदी के बाद बैकों में  500 और 1000 रुपए के पुराने नोट जमा किए गए थे। जिसमें से असली नकली की छंटनी और गिनती करने के बाद इनका दोबारा इस्तेमाल करने का तरीका खोज लिया है। रिजर्व बैंक ने पुरानी करंसी को टुकड़ों में काट कर इनके ब्रिक्स बना कर टेंडर के माध्यम से उनका निपटारा करने का फैसला कर लिया है। उल्लेखनीय है कि 30 जून 2017 को जारी किए अपने प्रारंभिक आकलन में रिजर्व बैंक ने पुराने 500 और 1000 रुपये के नोटों का कुल मूल्य 15.28 लाख करोड़ रुपये बताया था।

एक आरटीआई के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा, "बंद हुए 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों की गिनती की गई है और मुद्रा सत्यापन की अत्याधुनिक प्रणाली के तहत उनकी जांच की गई है। इस प्रक्रिया को पूरा करने वाले नोटों को रिजर्व बैंक के विभिन्न कार्यालयों में लगाए गए नोटों को काटने और ब्रिकेटिंग प्रणाली में इन्हें काटकर उन्हें ब्रिकेट में परिवर्तित किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि रिजर्व बैंक के देशभर में विभिन्न कार्यालयों में कुल 59 अत्याधुनिक करेंसी सर्टिफिकेशन और प्रोसेसिंग मशीनें कार्यरत हैं। इन्हीं के माध्यम से नोटबंदी में वापस आए नोटों को काटकर खत्म किया गया है और उनके असली होने की जांच की गई है।

ऐसे हुई पुराने नोटों की गिनती

एक आरटीआई के जवाब में रिजर्व बैंक ने कहा, "बंद हुए 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों की गिनती की गई है और मुद्रा सत्यापन की अत्याधुनिक प्रणाली के तहत उनकी जांच की गई है। इस प्रक्रिया को पूरा करने वाले नोटों को रिजर्व बैंक के विभिन्न कार्यालयों में लगाए गए नोटों को काटने और ब्रिकेटिंग प्रणाली में इन्हें काटकर उन्हें ब्रिकेट में परिवर्तित किया जा रहा है।


कैसे बनेगी नोटों की ईंट

रिजर्व बैंक के अनुसार जब इन कटे हुए नोटों को दबाकर इन्हें चौकोर ईंट के आकार में बदल दिया जाएगा तो निविदा के माध्यम से इनका निस्तारण कर दिया जाएगा. जवाब में कहा गया है, रिजर्व बैंक ऐसे नोटों का पुनर्चक्रण नहीं करता है। यानी दोबारा उससे गलाकर नया तैयार नहीं किया जाएगा। मुद्रा सत्यापन की अत्याधुनिक प्रणाली के तहत नोटों की जांच की गई है। इस प्रक्रिया को पूरा करने वाले नोटों को रिजर्व बैंक के विभिन्न कार्यालयों में लगाए गए नोटों को ब्रिकेटिंग प्रणाली में इन्हें काटकर उन्हें ब्रिकेट में परिवर्तित किया जा रहा है। देशभर में विभिन्न कार्यालयों में कुल 59 अत्याधुनिक मुद्रा सत्यापन एवं प्रसंस्करण मशीनें हैं। गौरतलब है कि  मोदी सरकार की नोटबंदी की घोषणा के बाद 8 नवंबर 2016 को पांच सौ और एक हजार रुपए के पुराने नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे। इसकी वजह से लोगों को 500 और 1000 रुपए के नोटों को बैंक में जमा कराने और बैंक से पैसे निकालने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।

Created On :   19 March 2018 6:59 AM GMT

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