संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए राज्य में लागू रहेंगी पुरानी रेडी रेक्नर दरें

Old ready reckoner rates will be applicable for property registry
संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए राज्य में लागू रहेंगी पुरानी रेडी रेक्नर दरें
संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए राज्य में लागू रहेंगी पुरानी रेडी रेक्नर दरें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक अप्रैल से संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए रेडीरेक्नर की नई दरें लागू नहीं होंगी। संपत्तियों की रजिस्ट्री करते समय स्टाम्प ड्यूटी (मुद्रांक शुल्क) पर लगने वाले रेडीरेक्नर दर (बाजार भाव) में कोई बदलाव नहीं होगा। रविवार रात तक रेडीरेक्नर दरों में बदलाव के संदर्भ में जिलाधिकारी कार्यालय और नगर रचना व मूल्य निर्धारण विभाग को पुणे स्थित मुख्यालय से कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है, जिससे पुराने दर ही नागपुर जिले सहित राज्य भर में लागू रहेंगे। 

पिछले साल भी नहीं की गई थी वृद्धि
पिछले कुछ समय में शहर के बाहर तेजी से रियल इस्टेट क्षेत्र का विकास हुआ है। अमरावती रोड, काटोल रोड, वर्धा रोड, कामठी रोड, छिंदवाड़ा रोड आदि जगहों पर तेजी से फ्लैट स्कीम और खुले प्लाट की बिक्री हुई है। इससे अब शहर की अपेक्षा ग्रामीण से सटे इन क्षेत्रों में भी स्टाम्प ड्यूटी की वृद्धि हुई है। फिलहाल नोटबंदी और जीएसटी के बाद इस क्षेत्र में मंदी देखी गई है। ऐसे में सरकार ने पिछले साल स्टाम्प ड्यूटी में रेडीरेक्नर बढ़ाने पर रोक लगा दी थी।

इस साल चुनाव आचार संहिता ने इस प्रक्रिया को रोक लिया है। आचार संहिता निपटते ही इस पर जल्द निर्णय की संभावना जताई गई है। हालांकि लोकसभा के बाद विधानसभा चुनाव होने से सरकार इस पर निर्णय लेगी, यह भी प्रश्न बना हुआ है। 

इन क्षेत्रों में 30 प्रतिशत तक स्टाम्प ड्यूटी
संपत्ति की रजिस्ट्री करते समय स्टाम्प ड्य्टी चुकानी पड़ती है। यह स्टाम्प ड्यूटी क्षेत्र के खरीदी-बिक्री व्यवहार के मूल्य पर आधारित होती है। जिन क्षेत्रों में सर्वाधिक कीमतों पर खरीदी-बिक्री होती है, वहां सरकार स्टाम्प ड्यूटी में भारी वृद्धि करती है। यह बाजार भाव (रेडीरेक्नर) के अनुसार होता है। आमतौर पर 10 से 30 प्रतिशत तक स्टाम्प ड्यूटी में हर साल वृद्धि होती है। शहर में बेसा, बेलतरोडी, वर्धा रोड, मनीष नगर, लक्ष्मीनगर, रामदासपेठ, गाडगा, खामला, सदर, धरमपेठ, गिरीपेठ, धंतोली जैसे इलाकों में स्टाम्प ड्यूटी 30 प्रतिशत तक जाती है। 

हो सकता है पुनर्विचार
यह दूसरा वर्ष है, जब राज्य सरकार ने रेडीरेक्नर की नई दरें लागू नहीं किए हैं। पिछले वर्ष 2018 में सरकार ने जीएसटी (गुड्स सर्विस टैक्स) के कारण रियल इस्टेट क्षेत्र में मंदी बताते हुए रेडीरेक्नर की नई दरों को लागू करने से मना कर दिया था। उस समय रियल इस्टेट क्षेत्र के लिए यह बड़ी राहत थी। यह लगातार दूसरा साल है, जब रेडीरेक्नर में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालांकि यह राहत आंशिक समय के लिए बताई गई है। लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद इस पर पुनर्विचार हो सकता है।

अभी तक नहीं आया आदेश 
फिलहाल अभी तक हमें रेडीरेक्नर की नई दरों को लेकर कोई आदेश नहीं मिला है। वैसे एक दिन पहले ही यह आदेश मिल जाता है, लेकिन उसका इंतजार कर रहे हैं। शाम तक हमें कोई सूचना नहीं मिली थी। 
- सुभाष बुटले, जेडीआर, नगर रचना व मूल्य निर्धारण विभाग, नागपुर 
 

Created On :   1 April 2019 5:44 AM GMT

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