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रेल कर्मचारी संगठन की चेतावनी, मांगे नहीं मानी गई तो बड़े पैमाने पर होगा चक्काजाम
डिजिटल डेस्क, नागपुर। रेलवे कर्मचारियों ने एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। इससे रहले मांगों को लेकर वर्ष 2016 में देशभर में चक्काजाम करने की चेतावनी दी गई थी। लेकिन आश्वासन के कारण उसे स्थगित कर दिया गया था। इस बार कर्मचारियों ने मांगों को लेकर सरकार पर सकारात्मक रवैया नहीं अपनाने आरोप लगाया। नेशनल रेलवे फेडरेशन ऑफ इंडीयन रेलवेमैन के महासचिव एम. राघवैयां ने गुरुवार को मध्य रेलवे नागपुर मंडल के डीआरएम कार्यालय में बताया कि रेलवे कर्मचारी पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं। जिसके कारण हर वर्ष रेलवे की आमदनी बढ़ रही है। इसके बावजूद रेलवे विदेशी कंपनी और हाईटैक मशीनों का सहारा लेने रहा है। रेलवे कर्मचारियों के प्रति प्रशासन का उदासीन रवैयां है। ऐसे में इस बार यदि सरकार ने रेलवे कर्मचारियों की मांगो की ओर ध्यान नहीं दिया, तो नेवाली एनएफआईआर की बैठक में रेलवे चक्काजाम को लेकर प्रस्ताव रखा जाएगा।
राघवैयां ने कहा कि सराकर की नीति रेलवे को लेकर गलत है, बुलेट ट्रेन चलाने का विचार चल रहा है। लेकिन पहले रेलवे को मजबूत करने की जरूरत है। इसके बाद 2050 में बुलेट चलाने का निर्णय लेना जायज होता। रेलवे राजनीतिक दबाव में आकर पॉलेटिकल इन्वेंटमेंट कर रही है। जिससे उसे नुकसान सहना पड़ रहा है। कोई मजबूत राजनेता अपने दायरे में रेलवे शुरू कराकर वोट बैंक जमाता है। डीजल शेड से लेकर कोच फैक्ट्री अच्छे से कोच का रखरखाव करने के बाद सरकार विदेशी कंपनियों में निवेश करने में उतावली है। कर्मचारी से नियमों के बाहर काम कराया जा रहा है।
संरक्षा श्रेणी में सबसे ज्यादा कर्मचारियों की पदें खाली
रेलवे के परिचालन में सबसे अहम भूमिका संरक्षा विभाग निभाता है। इसी के भरोसे यात्री सुरक्षित सफर कर सकता है। लेकिन वर्तमान स्थिति में देशभर में 2 लाख 70 हजार रेलवे कर्मचारियों के पद खाली हैं। जिसमें 1 लाख 70 हजार केवल संरक्षा विभाग के हैं।
Created On :   2 Aug 2018 12:07 PM GMT