हत्या की सजा : समाज ने पूरे खानदान को किया बहिष्कृत, विवाह करने पर भी लगाई रोक

One accused of murder: society has bycotted the whole family
हत्या की सजा : समाज ने पूरे खानदान को किया बहिष्कृत, विवाह करने पर भी लगाई रोक
हत्या की सजा : समाज ने पूरे खानदान को किया बहिष्कृत, विवाह करने पर भी लगाई रोक

डिजिटल डेस्क दमोह। देहात थानांतर्गत इमलाई क्षेत्र में समाज की पंचायत द्वारा खाप पंचायतों की तर्ज पर हत्या के आरोप के चलते एक पूरे खानदान को समाज से वहिष्कृत कर देने का मामला सामने आया है। हरिजन समाज से जुड़े इस मामले में इस सामाजिक वहिष्कार के शिकार वह लोग भी है जो पुलिस रिकार्ड में हत्या के मामले में शामिल भी नहीं थे लेकिन उन्हें भी पंचायत के फरमान की इस प्रथा का दंश झेलना पड़ रहा है।
यह है मामला
देहात थाना क्षेत्र के इमलाई ग्राम में प्रेमचंद उर्फ भैया पहलवान पर 1 अक्टूबर 17 को  ग्राम के ही टेकचंद पुत्र मंगल अहिरवाल 45 वर्ष के साथ गंभीर रूप से मारपीट करने और उस मारपीट से टेकचंद की मौत का आरोप लगा था। घटना के बाद स्थानीय लोगों के द्वारा शव रखकर चक्काजाम किया गया था और पुलिस व प्रशासन ने मौके पर पहुचंकर उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया था और आरोपी के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया था।  इस घटना के बाद समाज की पंचायत ने ना सिर्फ उक्त व्यक्ति वल्कि उसके सारे खानदान को ही समाज से वहिष्कृत कर दिया जिसके बाद खानदान के लोगों को सार्वजनिक स्थल पर भी पूर्णत: वहिष्कार कर दिया गया।
हर शुभ कार्य से हो गए दूर
इस संंबंध में पीडि़त परिवार के रत्नेश पुत्र बीएल सुमन, गुलाब चौधरी, संतोष चौधरी, उमेश, हरिशंकर, अमान सहित महिलाओं कैलाश रानी, संध्याबाई, दुर्गाबाई व विमला आदि ने  बताया कि  समाज से वहिष्कृत किए जाने के बाद उक्त परिवार के जितने भी लोग जहां रहते थे उन्हें सार्वजनिक स्थलों पर तक समाज का वहिष्कृत झेलना पड़ रहा है। हालात यह है कि आज उन्हें सार्वजनिक नलों से पानी नहीं भरने दिया जाता। इसके अलावा उनके घर में यदि विवाह के कोई रिश्ते आते है तो समाज के पंचो व अन्य लोगों के द्वारा हमारे परिवार में विवाह संबंध न करने का फरमान जारी कर दिया जाता है। वहीं यदि हमारे परिवार के किसी भी घर के सामने से समाज के किसी व्यक्ति की बारात निकलती है तो घर के सामने दूल्हे का चेहरा छाते या अन्य चीज से ढक देते है ताकि हम उन्हें देख भी न सके। इस अमानवीय फैसले के शिकार सिर्फ इमलाई ग्राम के ही एक या दो लोग नहीं बल्कि 28 लोग शिकार है जिसमें महिलाएं व बच्चे भी शामिल है।
जुर्माने व भोज से हटेगा वहिष्कार
इस नए जमाने में भी रूढ़ीवादी मानसिकता व नियमों को लेकर चल रही समाज की पंचायत व पंचो के इस अजीवो गरीव फैसले से सारे खानदान के लोग परेशान है। न सिर्फ इमलाई ग्राम बल्कि छपरट सहित अन्य ग्रामों में रहने वाले खानदान के लोग भी इस वहिष्कार का दंश इसी तरह झेल रहे थे। इस दंश से बचने के लिए इन लोगों के पास एक ही उपाय है कि समाज की बैठक में माते यानि मुखिया व पंचों के फैसले को माने उसके बाद ही उन्हें समाज में वापस लिया जाएगा। इसी के चलते वुधवार को इमलाई के खेर माता मंदिर में समाज की बैठक बुलाकर पंचों ने फैसला सुनाया कि छपरट में रहने वाले लोग जुर्माने की रकम के पांच हजार एक रुपए सहित सारे समाज को भोज व तुलसी विवाह कराएगे जिसके बाद उनकी समाज में वापसी कर दी जाएगी।
हर एक परिवार को अलग अलग जुर्माना
जहां एक ओर इस मामले में एक व्यक्ति पर हत्या का अरोप लगने पर सारे खानदान के लोगों को वहिष्कार झेलना पड़ रहा है वहीं उसके उलट उन्हे समाज में वापसी के लिए हर परिवार को अलग अलग जुर्माना देना होगा। समाज के निर्णय में एक परिवार द्वारा जुर्माने की राशि व भोज कराए जाने पर खानदान के उसी परिवार को समाज में वापस लिया जाएगा और अन्य परिवार को माते यानि मुखिया के द्वारा तय किए गए जुर्माने की पूर्ती फिरसे करनी होगी।
इनका कहना है
मेरे पिता नहीं है जिससे परिवार की जिम्मेदारी मुझपर ही है। वहीं समाज के मेरे परिवार को भी निकाल देने से मेरे छोटे भाई के लिए आने वाले रिश्ते भी लौट रहे है। समाज के पंच व मुखिया बैठक बुलाकर जुर्माने के लिए कह रहे है उसके बाद ही वहिष्कार हटाया जाएगा।
रत्नेश सुमन, पीडि़त परिवार का सदस्य
यदि ऐसा कोई मामला है तो मैं खुद इमलाई जाकर मामले की जानकारी लेता हूँ और सभी से चर्चा कर इसे हल कराया जाएगा।
सीपी पटैल, एसडीएम दमोह

 

Created On :   1 March 2018 8:45 AM GMT

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