तोतलाडोह में सिर्फ 2.94% जल भंडारण, नागपुर के 5 बड़े जलाशयों में महज 8.39 % पानी 

Only 2.94% of water storage in Totladoh, only 8.39% water in 5 major reservoirs
तोतलाडोह में सिर्फ 2.94% जल भंडारण, नागपुर के 5 बड़े जलाशयों में महज 8.39 % पानी 
तोतलाडोह में सिर्फ 2.94% जल भंडारण, नागपुर के 5 बड़े जलाशयों में महज 8.39 % पानी 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले में जलाशयों की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। खासकर जलापूर्ति करने वाले जलाशयों में तेजी से पानी घट रहा है। नागपुर शहर को जलापूर्ति करने वाले तोतलाडोह जलाशय में सिर्फ 2.94 प्रतिशत पानी शेष है। इसके अलावा नवेगांव खैरी में 31.60 प्रतिशत पानी का भंडारण बताया गया है। ये दोनों ही प्रकल्प नागपुर शहर को जलापूर्ति करने में अहम हैं। खासकर तोतलाडोह में जल भंडारण कम होने से भविष्य में खतरे के संकेत मिल रहे हैं। हालांकि मनपा प्रशासन ने पहले ही 30 मई तक पर्याप्त पानी होने का दावा किया है। 

5 बड़े प्रकल्पों में 8.39 प्रतिशत पानी 

जिले में पांच बड़े जलाशय हैं, इसमें तोतलाडोह, नवेगांवखैरी, खिंडसी, नांद और वड़गांव शामिल है। तोतलाडोह में 2.94 प्रतिशत, नवेगांवखैरी में 31.60 प्रतिशत, खिंडसी में 9.97 प्रतिशत, नांद में 66.22 प्रतिशत और वड़गांव में 1.12 प्रतिशत पानी शेष है। बड़े जलाशयों के अलावा नागपुर जिले में मध्यम प्रकल्पों की भी बहुत अच्छी स्थिति नहीं है। नागपुर जिले के 13 मध्यम जलाशयों में सिर्फ 15.317 प्रतिशत पानी शेष है। हालांकि इनमें से कुछ प्रकल्पों का पीने के लिए, जबकि कुछ प्रकल्प सिंचाई व्यवस्था के लिए बेहद अहम माने जाते हैं। इन जलाशयों पर छोटी नगर परिषद या पंचायत समिति की पानी की निर्भरता और किसान खरीफ और रबी फसल में सिंचाई व्यवस्था होती है। फिलहाल जलाशयों के घटते जलस्तर ने किसानों की भी चिंताएं बढ़ा दी है। 15 मध्यम प्रकल्पों में चंद्रभागा में 14.85 प्रतिशत, मोरधाम में 24.28 प्रतिशत, केसरनाला में 17.30, उमरी में 28.21, कोलार में 12.12, खेकरानाला में 31.65, वेणा में 2.57, कान्होलीबारा में 21.06, पांढराबोडी में 31.97, मकरधोकड़ा में 00.00, सायकी में 0.00, जाम में 6.02 और कार प्रकल्प में 20.56 प्रतिशत पानी शेष है। आगामी दिनों में तापमान बढ़ने पर जल भंडारण में और कमी आने की संभावना है, जिससे पानी का संकट मंडराने का भय सता रहा है। 

60 लघु प्रकल्पों में सिर्फ 16.52 प्रतिशत पानी 

जिले में 60 लघु प्रकल्प हैं। ये प्रकल्प किसानों की  सिंचाई व्यवस्था के लिए बनाए गए है। फिलहाल इन प्रकल्पों में भी पानी का संकट मंडरा रहा है। विशेष यह कि, इनमें कुछ प्रकल्पों में पानी रोकने के लिए गेट ही नहीं है, जिस कारण पानी रुक नहीं रहा है। यह स्थिति और खतरनाक मानी जा रही है। फिलहाल इन प्रकल्पों में 16.52 प्रतिशत पानी शेष है। 
 

Created On :   14 April 2019 10:40 AM GMT

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