निजी मेडिकल कॉलेजों की NRI सीटों के आवंटन पर यथास्थिति का आदेश, 3 मई तक अटकी प्रीपीजी काउंसलिंग

Order of status quo on allotment of NRI seats of private medical colleges
निजी मेडिकल कॉलेजों की NRI सीटों के आवंटन पर यथास्थिति का आदेश, 3 मई तक अटकी प्रीपीजी काउंसलिंग
निजी मेडिकल कॉलेजों की NRI सीटों के आवंटन पर यथास्थिति का आदेश, 3 मई तक अटकी प्रीपीजी काउंसलिंग

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों की एनआरआई सीटों के आवंटन पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। जस्टिस आरएस झा और जस्टिस संजय द्विवेदी की युगल पीठ ने राज्य सरकार को 3 मई तक काउंसलिंग का पूरा ब्यौरा पेश करने का निर्देश दिया है। इस आदेश से मेडिकल की प्रीपीजी काउंसलिंग 3 मई तक अटक गई है। याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रत्येक निजी मेडिकल कॉलेज के लिए 15 प्रतिशत एनआरआई कोटा अनिवार्य किया गया है। राज्य सरकार द्वारा 15 प्रतिशत एनआरआई कोटे को सामान्य वर्ग में परिवर्तित किया जा रहा है।

याचिका में कहा गया कि एनआरआई कोटा निजी मेडिकल कॉलेजों के लिए आय का प्रमुख जरिया है। इस कोटे के साथ राज्य सरकार द्वारा मनमानी की जा रही है। इससे एनआईआर छात्रों के अधिकारों का हनन हो रहा है।  

यह कहा गया दायर याचिका में-
निजी मेडिकल कॉलेज एसोसिएशन की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रत्येक निजी मेडिकल कॉलेज के लिए 15 प्रतिशत एनआरआई कोटा अनिवार्य किया गया है। राज्य सरकार द्वारा 15 प्रतिशत एनआरआई कोटे को सामान्य वर्ग में परिवर्तित किया जा रहा है। याचिका में कहा गया कि एनआरआई कोटा निजी मेडिकल कॉलेजों के लिए आय का प्रमुख जरिया है। इस कोटे के साथ राज्य सरकार द्वारा मनमानी की जा रही है। इससे एनआईआर छात्रों के अधिकारों का हनन हो रहा है।  

3 अप्रैल को मांगा था जवाब-
3 अप्रैल को हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा था कि किस आधार पर एनआरआई कोटे की सीटों को सामान्य वर्ग के लिए परिवर्तित किया जा रहा है। सुनवाई के दौरान मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से संतोषजनक जवाब पेश नहीं किया गया। अधिवक्ता सिद्धार्थ राधेलाल गुप्ता के तर्क सुनने के बाद युगल पीठ ने निजी मेउिकल कॉलेजों की एनआरआई कोटे की सीटों पर यथास्स्थिति का आदेश जारी किया है।

इन्होंने रखा सरकार का पक्ष-
युगल पीठ ने 3 मई तक राज्य सरकार को काउंसलिंग का पूरा ब्यौरा पेश करने का आदेश दिया है। राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता प्रवीण दुबे और शासकीय अधिवक्ता हिमांशु मिश्रा ने पक्ष रखा। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा नायर ने पक्ष रखा।

Created On :   30 April 2019 4:27 PM GMT

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