एयरसेल-मैक्सिस: प्रवर्तन निदेशालय ने की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ
- एयरसेल-मैक्सिस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से पूछताछ की।
- माना जा रहा है कि एजेंसी इस डील से जुड़े कुछ नए सवाल चिदंबरम से करना चाहती है।
- सूत्रों के मुताबिक प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत चिदंबरम के बयान दर्ज किेए गए।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एयरसेल-मैक्सिस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम से पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत चिदंबरम के बयान दर्ज किए गए। माना जा रहा है कि एजेंसी इस डील से जुड़े कुछ नए सवाल चिदंबरम से करना चाहती है। इससे पहले ED ने फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (जो अब अस्तित्व में नहीं है) के अधिकारियों के बयान दर्ज किए थे। अब कहा जा रहा है कि ED चिदंबरम का इनसे आमना-सामना भी कराएगी। बता दें कि चिदंबरम पर एफडीआई के लिए नियमों की अनदेखी कर एयरसेल-मैक्सिस कंपनी को लाभ पहुंचाने का आरोप है।
Congress leader P Chidambaram leaves from Enforcement Directorate headquarters after his questioning in connection with Aircel-Maxis case got over. #Delhi pic.twitter.com/7XDJ8tVZv4
— ANI (@ANI) August 24, 2018
इससे पहले जून में भी चिदंबरम से पूछताछ की गई थी। चिदंबरम का कहना है कि उन्हें जो कहना था वो कह चुके हैं और बयान पहले ही सरकारी रिकार्ड में दर्ज है। उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, इसके बाजवूद जांच शुरू कर दी गई है।
क्या है एयरसेल-मैक्सिस डील?
पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को साल 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी मिली थी। यह मंजूरी कार्ति चिदंबरम ने कैसे हासिल की, इसी बात की जांच CBI और ED कर रहे हैं। इसमें कार्ति के साथ-साथ पी. चिदंबरम को भी आरोपों के घेरे में लिया गया है। पी. चिदंबरम पर आरोप है कि एयरसेल-मैक्सिस डील को उन्होंने कैबिनेट कमेटी की मंजूरी के बगैर ही हरी झंडी दे दी थी। यह पूरी डील करीब 3500 करोड़ रुपए की थी। अपने बेटे कार्ति चिदंबरम को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से चिदंबरम ने एफआईपीबी की फाइल को मंजूर किया था।
Created On :   24 Aug 2018 2:49 PM GMT