धान का रकबा चालू खरीफ सीजन में 13 फीसदी घटा

Paddy area decreased by 13% in the current kharif season
धान का रकबा चालू खरीफ सीजन में 13 फीसदी घटा
धान का रकबा चालू खरीफ सीजन में 13 फीसदी घटा
नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। बीते सप्ताह देश में मॉनसून मेहरबान रहा और औसत से ज्यादा बारिश दर्ज की गई, लेकिन चालू खरीफ सीजन में फसलों की बुआई का आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले अभी तक पांच फीसदी से ज्यादा पिछड़ा हुआ है। खरीफ सीजन की सबसे प्रमुख फसल धान की बुवाई पिछले साल के मुकाबले इस साल अब तक करीब 13 फीसदी कम है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में खरीफ फसलों की बुवाई 869.55 लाख हेक्टेयर हो चुकी है, जबकि पिछले साल अब तक 918.70 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी थी। इस प्रकार सभी खरीफ फसलों की बुवाई का कुल रकबा पिछले साल से 49.16 लाख हेक्टेयर यानी 5.34 फीसदी कम है।

किसानों ने पिछले साल अब तक कुल 304.18 लाख हेक्टेयर जमीन में धान की फसल लगाई थी, लेकिन इस साल अब तक धान का रकबा 265.20 लाख हेक्टेयर है। मतलब, धान का रकबा पिछले साल से 38.98 लाख हेक्टेयर यानी 12.81 फीसदी पिछड़ा हुआ है।

दलहनों की बुवाई 115.39 लाख हेक्टेयर में हुई, जोकि पिछले साल की समान अवधि में दलहनों का रकबा 121.39 लाख हेक्टेयर था। इस प्रकार दलहनों की बुवाई पिछले साल से छह लाख हेक्टेयर यानी 4.9 फीसदी कम है।

तिलहनों की बुवाई 157.17 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल अब तक तिलहनों की बुवाई का रकबा 1162.52 लाख हेक्टेयर हो चुका था। इस प्रकार तिलहनों का रकबा पिछले साल से 5.35 लाख हेक्टेयर कम है।

मोटे अनाजों की बुवाई 153.92 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल अब तक 155.37 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाजों की बुवाई हो चुकी थी। मतलब पिछले साल के मुकाबले इस साल मोटे अनाजों का रकबा 1.44 लाख हेक्टेयर कम है।

वहीं, कपास का रकबा पिछले साल से 6.13 लाख हेक्टेयर बढ़ा हुआ है। किसानों ने पिछले साल अब तक 112.60 लाख हेक्टेयर में कपास की बुवाई की थी जबकि इस साल 118.73 लाख हेक्टेयर में कपास की फसल लग चुकी है।

हालांकि गन्ना का रकबा भी पिछले साल से पिछड़ा हुआ है। किसानों ने अब तक गóो की फसल 52.30 लाख हेक्टेयर में लगाई है, जबकि पिछले साल गóो का रकबा 55.45 लाख हेक्टेयर था।

--आईएएनएस

Created On :   9 Aug 2019 6:30 PM GMT

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