धान परिवहन में चल रही ओवर लोडिंग- प्रशासन रोक लगाने में नाकाम

Paddy procurement in the district and the transport work is in progress
धान परिवहन में चल रही ओवर लोडिंग- प्रशासन रोक लगाने में नाकाम
धान परिवहन में चल रही ओवर लोडिंग- प्रशासन रोक लगाने में नाकाम

डिजिटल डेस्क शहडोल। जिले में धान खरीदी और परिवहन का कार्य चल रहा है। अभी तक लगभग 1.86 लाख क्विंटल धान की खरीदी की जा चुकी है, तथा 1.32 लाख क्विंटल धान का परिवहन कर गोदामों तक पहुंचाया जा चुका है। लेकिन परिवहन में नियमों की अवहेलना की जा रही है। परिवहन ठेकेदार द्वारा सरेआम क्षमता से अधिक धान की बोरियां वाहनों में भराई जा रही हैं। जबकि सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट निर्देश हैं कि ओवर लोडिंग किसी परिस्थितियों में नहीं होनी चाहिए। यह नियम निर्देश एफसीआई तथा खाद्यान्न विभागों में सबसे पहले प्रभावी बनाने के लिए भोपाल से कई बार आदेश जारी हो चुके हैं। पालन की जिम्मेदारी जिन विभागों के पास है उनके द्वारा प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है। मनमानी का आलम यह है कि जिस वाहन की पासिंग 18 टन है, उनमें 35 से 36 टन धान भरी जा रही है। यानि 15 से 18 टन ओवर लोड हो रहे हैं।

मिलीभगत की आशंका
सूत्रों की मानें तो ओवर लोडिंग में संबंधित विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत है। परिवहन ठेकेदार ने यदि तीन वाहनों में ओवर लोडिंग की तो सीधे-सीधे एक फेरा की बचत हो जाती है, लेकिन पासिंग के आधार पर तीन की जगह चार फेरों का बिल पास करा लेते हैं। अंदाजा लगाया जा सकता है कि जहां सीजन में लाखों क्ंिवटल धान का परिवहन होना है, वहां ओवर लोडिंग के नाम पर लाखों रुपये का खेल हो जाता है। आश्चर्यजनक पहलू यह है कि नागरिक आपूर्ति विभाग और अन्य विभाग द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

रात के समय भी होती है अनलोडिंग
खरीदी केंद्रों से उठाव के बाद रात के समय गोदाम तक धान पहुंचाई जाती है। जानकारी के अनुसार ज्यादातर गोदामों में शाम 7 बजे के बाद वाहन पहुंचते हैं, जहां रात 10 बजे के बाद तक अनलोडिंग होती रहती है। संभागीय मुख्यालय के पीजी गोदाम के कई पल्लेदारों ने स्वयं बताया कि वे कई बार रात 9-10 बजे तक अनलोडिंग का कार्य करते हैं। गोदाम खुलने का समय  सुबह 10.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक ही है। दूर दराज से आने वाले वाहनों को अधिकतम घंटा डेढ़ घंटा देरी तक अनलोडिंग की जा सकती है लेकिन अधिकतर रात के समय ही वाहनों को गोदामों तक लाया जाता है। रात के समय गोदामों में धान रखते समय नान और अन्य विभागों के क्वालिटी मॉनीटर मौजूद नहीं रहते। ऐसे में इसका पता नहीं चल पाता कि किस स्तर की धान गोदामों में रखी जा रही है। जबकि नियमानुसार गोदामों में धान क्वालिटी मॉनीटर की मौजूदगी में ही रखे जाने चाहिए।

इनका कहना है
परिवहन में ओवर लोडिंग पर पूरी तरह से रोक है। ठेकेदार को कई बार पत्र जारी किया जा चुका है। यदि स्थिति नहीं सुधर रही है तो निरीक्षण कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
आरबी तिवारी-प्रबंधक नागरिक आपूर्ति विभाग

 

Created On :   26 Dec 2018 8:04 AM GMT

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