अमेरिका और ब्रिक्स देशों से मिले झटके के बाद बदलेगी पाक की विदेश नीति, मंथन शुरू

Pakistan envoys debating foreign policy following new US strategy
अमेरिका और ब्रिक्स देशों से मिले झटके के बाद बदलेगी पाक की विदेश नीति, मंथन शुरू
अमेरिका और ब्रिक्स देशों से मिले झटके के बाद बदलेगी पाक की विदेश नीति, मंथन शुरू

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। आंतकवाद के मुद्दे पर ब्रिक्स देशों की एकजुटता और अमेरिका की नई विदेश नीति से पाकिस्तान हाशिए पर आ गया है। चीन में संपन्न हुई ब्रिक्स समिट के शियामेन घोषणापत्र में पाक स्थित आतंकवादी संगठनों का नाम आने और आतंकियों को पनाह देने के मामले में अमेरिका से फटकार खा चुके पाकिस्तान ने आनन-फानन में अपनी नई विदेश नीति निर्धारित करने के लिए कुछ चुनिंदा राजनयिकों की बैठक बुलाई है। इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने किया।

पाकिस्तान के इन चुनिंदा राजनयिकों ने विदेश नीति के महत्वपूर्ण मुद्दों पर मंगलवार को चर्चा शुरू की। इस चर्चा में भारत और चीन में पदस्थ पाकिस्तानी राजनयिक भी शामिल हैं। पाकिस्तान के इस प्रयास को अमेरिका की नई अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया पॉलिसी के जवाब में देखा जा रहा है। गौरतलब है कि अमेरिका ने आतंकवादियों को पनाह देने के मामले में पिछले महीने पाकिस्तान को फटकार लगाई थी। अमेरिका ने कहा था, "पाकिस्तान एक तरफ तो आतंकी समूहों पर कार्रवाई के नाम पर हमसे आर्थिक मदद लेता है दूसरी ओर अफगानिस्तान में हमारे सैनिकों को मारने वाले आतंकियों को पनाह देता है।" इसके साथ ही अमेरिका ने अपनी नई दक्षिण एशिया नीति में भी पाकिस्तान को ज्यादा तवज्जो नहीं दी है।

अमेरिका के इन कदमों के बाद ब्रिक्स देशों की समिट में भी पाकिस्तान निशाने पर रहा। समिट में शियामेन घोषणापत्र में पाक स्थिक आतंकी संगठनों का जिक्र किया गया, यानी कि ब्रिक्स देशों ने भी इस बात को स्वीकार कर लिया कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है। हर ओर से अलग-थलग पड़ रहे पाकिस्तान के लिए ऐसे में नई विदेश नीति पर बात करना जरुरी हो गया था।  

पाकिस्तान के विदेश विभाग ने कहा कि रूस, चीन, सउदी अरब, कतर, अफगाानिस्तान, भारत, अमेरिका और ईरान में पदस्थ पाकिस्तानी राजदूत और उच्चायुक्त सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, "पाकिस्तान की विदेश नीति के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक आयामों पर व्यापक चर्चा होगी।" सूत्रों से पता चला है कि विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अपने संबोधन में राजनयिकों से आग्रह किया कि वे भारत के साथ पाकिस्तान के संबंधों और कश्मीर में स्थिति पर चर्चा करें और सुझाएं कि इस्लामाबाद किस तरह मुद्दे को रेखांकित कर सकता है।

सूत्रों ने बताया कि राजनयिक पाकिस्तान के वर्तमान हालात और विदेश नीति की संभावित शक्ति और उपलब्ध विकल्पों पर चर्चा करेंगे। वे अमेरिका की नई रणनीति के मद्देनजर पाकिस्तान के हितों की रक्षा करने के लिए नए विकल्प भी सुझाएंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी समापन सत्र की अध्यक्षता करेंगे।

Created On :   5 Sep 2017 2:41 PM GMT

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