इस व्रत पर बेअसर, जानिए फरवरी माह में कब शुरू हो रहा है पंचक काल

Panchak  kaal in February 2018, According to the Indian mythology
इस व्रत पर बेअसर, जानिए फरवरी माह में कब शुरू हो रहा है पंचक काल
इस व्रत पर बेअसर, जानिए फरवरी माह में कब शुरू हो रहा है पंचक काल

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंचक, जैसा कि हम आपको पूर्व में ही पंचक से जुड़े विभिन्न तथ्यों के बारे में बता चुके हैं। इस काल में भी शुभ एवं मंगल कार्य करना उर्पयुक्त नही माना गया है। शनिवार को प्रारंभ हुई पंचक को मृत्यु पंचक कहा गया है। वहीं इन पांच दिनों को सबसे ज्यादा पीड़ादायक पहुंचाने वाला भी कहा जाता है। इस दौरान मृत्यु होने पर भी अलग विधान अपनाएं जाते हैं। 


स्नानदान के साथ ही शुरू
फरवरी माह में 11 को विजया एकादशी अर्थात भगवान विष्णु की पूजा का दिन। 12 फरवरी को कुंभ संक्रांति, 13 फरवरी को प्रदोष व्रत एवं रात्रिकाल से महाशिवरात्रि की शुभ तिथि प्रारंभ रही है, जो कि 14 फरवरी तक है। 15 फरवरी को स्नान दान अमावस्या के साथ ही पंचक शुरू हो रहे हैं। 


इन पर नही होगा प्रभाव
लगातार पांच दिनों तक शुभ मुहूर्तों के बाद 15 फरवरी से 5 दिन अर्थात 20 फरवरी तक मंगल कार्य पूर्णतः वर्जित हैं। पंचक काल स्नानदान अमावस्या के साथ ही शुरू हो जाएगा। अतः अमावस्या पर स्नान, पूजन, दान के बाद किसी भी शुभ कार्य को उत्तम नही माना गया है।

 

पंचांग के अनुसार पंचक 

हालांकि 17 फरवरी को फुलरिया दोज के पश्चात 19 फरवरी को विनायकी चतुर्थी व्रत भी है, किंतु गणपति बप्पा पंचक से रहित माने गए हैं अर्थात पंचक काल में भी आप विधि-विधान से गणपति बप्पा की पूजा आराधना कर सकते हैं। ये काल शुभ कार्याें काे पीड़ा में बदलने में तनिक भी देरी नही करते। पंचक काल में ग्रहप्रवेश और बच्‍चों का मुंडन, नवीन वाहनाें की खरीदी आैर पूजन भी उत्तम नही माना गया है। कुंभ एवं मीन पंचक की स्‍वामी राशि है। पंचांग के अनुसार पंचक के नक्षत्र धनिष्‍ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपरद नक्षत्र, उत्‍तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र होते हैं।

 

पंचक काल 

-15 फरवरी 2018 8:40  गुरूवार से 
-20 फरवरी 2018 02:04  मंगलवार तक

Created On :   6 Feb 2018 4:06 AM GMT

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