मृत्यु तुल्य कष्ट देंगे ये 5 दिन, 23 दिसंबर से हो रहे हैं प्रारंभ

मृत्यु तुल्य कष्ट देंगे ये 5 दिन, 23 दिसंबर से हो रहे हैं प्रारंभ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंचक, ज्योतिष में इसे शुभ नक्षत्र नही माना जाता। कोई भी शुभ कार्य करना तो इस दौरान वर्जित ही है साथ ही यदि इस दौरान किसी की मृत्यु भी हो जाए तो इसे भी कष्टकारी माना गया है। इस बार 23 दिसंबर शनिवार से 8.31 से पंचक प्रारंभ हो रहे हैं तो 28 दिसंबर गुरूवार 1.37 तक रहेंगे। इस दिन शनिवार होने की वजह से इसे शनि पंचक कहा जा रहा है। 

 

अत्यंत ही पीड़ादायी

अशुभ नक्षत्रों का योग व ज्योतिष में इसे हानिकारक माना गया है। नक्षत्रों के मेल से यह योग बनता है जो कि अत्यंत ही पीड़ादायी बताया गया है। चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में जब गमन करते हैं तो उस स्थिति को पंचक कहा जाता है। 

 

ये पांच नक्षत्र

इसी प्रकार घनिष्ठा,शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती ये पांच नक्षत्रों का समय अति अशुभ होता है और यही पंचक है। पंचक में कुछ खास कार्य हैं जो हैं तो शुभ व मंगलकारी, किंतु पंचक काल में इन्हें करने से इसके विपरीत परिणाम सामने आ सकते हैं। 

 

गलती से भी न करें ये कार्य

दक्षिण दिशा की यात्रा  घर की छत या खाट बनवाना, ईंधन का सामान इकट्ठा करना, नवीन भवन का उद्घाटन, विवाह संबंधी वार्ता, नवीन वाहन की खरीदी, नवीन व्यापार-व्यवसाय शुरू करना। पंचक के दौरान ये कार्य गलती से भी नही करना चाहिए। 

 

पंचक का असर दिन के अनुसार 

पंचक का असर दिन के अनुसार भी होता है अर्थात यदि यह रविवार को शुरू होता है तो यह रोग पंचक कहा जाता है इस दौरान अनेक बीमारियों, रोग और मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ता है। ठीक इसी प्रकार हर दिन का अलग परिणाम है। इस पर शनिवार को पंचक प्रारंभ हो रहे हैं, जो कि सबसे ज्यादा खतरनाक माने गए हैं। इसे मृत्यु पंचक भी कहा जाता है। इस दौरान दुर्घटनाओं की संभावना अधिक रहती है। किसी भी नए कार्य की शुरूआत मृत्युतुल्य कष्ट देती है।

Created On :   17 Dec 2017 4:38 AM GMT

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