पंकजा मुंडे ने छह सदस्यों को किया अपात्र घोषित

Pankaja munde declared six members ineligible
पंकजा मुंडे ने छह सदस्यों को किया अपात्र घोषित
पंकजा मुंडे ने छह सदस्यों को किया अपात्र घोषित

डिजिटल डेस्क, बीड़। जिप अध्यक्ष पद चुनाव में पक्षादेश को नजरअंदाज करते हुए भाजपा को वोट देने वाले सुरेश धस समर्थक 4 और जयदत्त क्षीरसागर समर्थक को पंकजा मुंडे के ग्राम विकास मंत्रालय द्वारा अपात्र घोषित किया है। इनमें प्रकाश कवठेकर, शिवाजी पवार, अश्विनी जरांगे, संगीता महानोर, मंगल डोईफोड़े, अश्विनी निंबालकर शामिल है। 

जिला परिषद अध्यक्ष पद के चुनाव के समय राष्ट्रवादी कांग्रेस के पास पर्याप्त संख्या बल होने के बावजूद गद्दारी के कारण जिप अध्यक्ष पद भाजपा के पास चला गया। सुरेश धस और जयदत्त क्षीरसागर समर्थकों ने भाजपा को मदद की। जीप अध्यक्ष पद चुनाव के पहले 7 मार्च 2017 को राष्ट्रवादी कांग्रेस के 25 सदस्य और निर्दलीय सदस्य अश्विनी अमर निंबालकर ने एक गुट स्थापन किया। इस गुट का बजरंग सोनवणे को सर्वसम्मति से नेता चुना गया। 26 सदस्यों के जिलाधिकारी के सामने हस्ताक्षर लिए गए। जिलाधिकारी ने इस गुट को मान्यता भी प्रदान की। इसी आधार पर बजरंग सोनवणे ने अध्यक्ष पद चुनाव के पहले व्हिप जारी कर दिया। फिर भी 6 सदस्यों ने आदेश का उल्लंघन करते हुए भाजपा को प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से मदद की।

मामले में विधान परिषद के विरोधी पक्ष नेता धनंजय मुंडे के कार्यालय ने बजरंग सोनवने, मंगला सोलंकी, अजय मुंडे के जरिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। इस मामले में 16 अक्टूबर 2017 में जिलाधिकारी ने इन छह सदस्यों को अपात्र घोषित करते हुए चुनाव लड़ने के लिए 6 साल के लिए प्रतिबंध किया, लेकिन पंकजा मुंडे ने अपने अधिकार का अनुचित लाभ उठाते हुए इस निर्णय से कोई सदस्य व्यथित होता है तो उसे राज्य सरकार के पास न्याय के लिए अपील करने की छूट प्रदान की। इसके तहत पंकजा मुंडे ने जिलाधिकारी के आदेश को स्थगित कर दिया। पंकजा मुंडे के इस आदेश के खिलाफ मुंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। इस मामले में न्यायालय ने 15 मई 2018 को निर्णय देते हुए ग्रामीण विकास मंत्रालय के आदेश को स्थगित कर दिया। साथ कुछ नियम और शर्तों के साथ सदस्यों के अधिकार को खत्म कर दिया। साथ ही यह 6 सदस्य बैठक के लिए उपस्थित तो रह सकते हैं, लेकिन उन्हें वेतन ना देने के आदेश भी दिए। 

ग्राम विकास मंत्रालय को इस मामले में 23  अगस्त तक निर्णय देने के सीमा भी निर्धारित की। लेकिन मंत्रालय ने न्यायालय से अपील करते हुए 6 सितंबर तक सहूलियत मांगी गई। आखिरकार इस मामले में 6 सितंबर को ग्रामविकास मंत्री पंकजा मुंडे ने प्रकाश कवठेकर, शिवाजी पवार, अश्विनी जरांगे, संगीता महानोर, मंगल डोईफोडे, अश्विनी निंबालकर  को अपात्र घोषित किया। उक्त निर्णय के बाद विधायक सुरेश धस और रोहयो मंत्री जयदत्त क्षीरसागर को कड़ा झटका लगा है।

 

Created On :   7 Sep 2019 2:04 PM GMT

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