सहारा इंडिया के खिलाफ तीन परिवाद पारित, मामला रुपए न लौटाने का

Passing three libel against sahara india,case not refunding money
सहारा इंडिया के खिलाफ तीन परिवाद पारित, मामला रुपए न लौटाने का
सहारा इंडिया के खिलाफ तीन परिवाद पारित, मामला रुपए न लौटाने का

डिजिटल डेस्क,छतरपुर। सहारा इंडिया कंपनी में शहर के हजारों लोगों ने विभिन्न स्कीमों के तहत रुपए जमा किए हैं। इनमें से अधिकांश की परिपवक्ता अवधि पूरी होने के बाद अब सहारा इंडिया कंपनी रुपए लौटाने में आनाकानी करती है। इस पर सैकड़ों लोग इस कंपनी को वकीलों के माध्यम से नोटिस दे रहे हैं तो कई ने जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद प्रस्तुत किए हैं। जिला उपभोक्ता फोरम ने हाल ही में इस कंपनी के खिलाफ चल रहे तीन परिवादों पर फैसला सुनाया, इसमें कंपनी को दोषी मानते हुए इसके खिलाफ परिवाद पारित किए गए हैं।
केस-1
कंपनी को लौटाना होगी ब्याज सहित राशि:

शहर के पन्ना रोड में छत्रसाल नगर निवासी मंगल सिंह बुंदेला की पत्नी सुधा बुंदेला ने सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी में 4 जनवरी 16 को एक लाख 30 हजार रुपए जमा किए थे। यह राशि उन्होंने सटई रोड में संचालित सहारा इंडिया की फ्रेंचाइजी के गार्जियन सुरेन्द्र कुमार रैकवार के कहने पर छत्रसाल नगर में रहने वाले एजेन्ट मिथलेश पाठक को दिए थे। यह राशि इन्होंने सहारा वाय सिलेक्ट प्लान के तहत जमा की थी। इस योजना में एक साल में राशि को 11 हजार 700 रुपए ब्याज भी मिलना थे। इस तरह से एक साल में एक लाख 41 हजार 700 रुपए 4 जनवरी 17 को प्राप्त होना थे। जब सुधा बुंदेला ने सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी से रकम की मांग की तो कंपनी द्वारा रकम देने में हीला-हवाली की जाने लगी। इसके बाद उन्होंने वकील के माध्यम से नोटिस भिजवाया। इसके बाद भी जब राशि प्राप्त नहीं हुई तो सुधा बुंदेला ने जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद प्रस्तुत किया। इस पर जिला उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष श्रीराम दिनकर, सदस्य संजय कुमार शर्मा, निशा गुप्ता ने मामले की सुनवाई की। इस सुनवाई के बाद फैसला दिया कि एजेन्ट मिथलेश पाठक को छोड़कर सहारा क्रेडिट को आपरेटिव सोसायटी छतरपुर और सुरेन्द्र रैकवार फ्रेंचाइजी गार्जियन को आदेश दिया कि वह सुधा बुंदेला को एक लाख 41 हजार 700 रुपए का भुगतान फैसला दिनांक से 45 दिवस के भीतर अदा करें। 4 जनवरी 17 से रकम अदायगी तक सात प्रतिशत साधारण ब्याज भी इस रकम पर दिया जाए। साथ ही दो हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति, दो हजार रुपए वाद व्यय भी अदा किया जाए।
केस-2
एफडी की राशि अदा करें:

नौगांव के पन्ना हाउस निवासी कमलेश राजपूत ने 21 अगस्त 12 को नौगांव में संचालित सहारा इंडिया परिवार के आफिस में 50हजार रुपए जमा किए। यह शाखा छतरपुर में संचालित  सहारा इंडिया परिवार के मार्गदर्शन में संचालित होती है। इसके साथ ही इसका मुख्यालय लखनऊ में है। कमलेश राजपूत ने जो 50 हजार रुपए जमा किए थे यह एफडी के रूप में जमा हुए थे और छह साल बाद 28 नवंबर 18 को परिपक्व होना थे। समयावधि होने पर जब कमलेश राजपूत ने राशि की मांग की तो सहारा इंडिया परिवार ने एफडी जमा कराने के बाद राशि देने से इंकार कर दिया। इस पर कमलेश राजपूत ने 3 नवंबर 18 को वकील के माध्यम से नोटिस भिजवाया। इस पर भी सहारा इंडिया परिवार ने राशि नहीं लौटाई तो कमलेश राजपूत ने जिला उपभोक्ता फोरम में मामला प्रस्तुत किया। जिला उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष श्रीराम दिनकर, सदस्य संजय कुमार शर्मा, निशा गुप्ता ने मामले की सुनवाई करने के बाद कंपनी को दोषी पाते हुए तीनों को संयुक्त रूप से अथवा पृथक-पृथक रूप से फैसला दिनांक से 45 दिवस के भीतर 50 हजार रुपए अदा करने का आदेश दिया। इसके साथ ही 28 अगस्त से राशि की अदायगी तक 7 प्रतिशत साधारण ब्याज, दो हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति और एक हजार रुपए वाद व्यय भी देना होगा।
केस-3
वाद व्यय भी देना होगा:

नौगांव के पन्ना हाउस निवासी प्रदीप राजपूत ने भी सहारा इंडिया परिवार नौगांव में 23 अगस्त 12 को 50 हजार रुपए सहारा क्यू शॉप प्रोडक्ट के तहत जमा किए थे। यह रकम छह साल बाद 22 अगस्त 18 को परिपक्व हुई। प्रदीप राजपूत ने कंपनी के आफिस पहुंचकर राशि पाने का प्रयास किया। कंपनी के प्रबंधक द्वारा एफडी जमा करा लेने और आवेदन लेने के बाद रकम देने से इंकार कर दिया। इस पर प्रदीप राजपूत ने पहले वकील से नोटिस भिजवाया। इसके बाद जिला उपभोक्ता फोरम में मामला प्रस्तुत किया। जिला उपभोक्ता फोरम अध्यक्ष श्रीराम दिनकर, सदस्य संजय कुमार शर्मा, निशा गुप्ता ने सुनवाई के बाद फैसला दिया कि सहारा इंडिया परिवार नौगांव, छतरपुर और लखनऊ संयुक्त रूप से अथवा पृथक-पृथक प्रदीप राजपूत को फैसला के 45 दिवस के भीतर 50 हजार रुपए अदा करें। इसके साथ ही 22 अगस्त 18 से रकम अदायगी दिनांक तक 7 प्रतिशत साधारण ब्याज भी देना होगा। इसके साथ ही एक हजार रुपए मानसिक क्षतिपूर्ति और एक हजार रुपए वाद व्यय भी देना होगा।

Created On :   10 Feb 2019 3:38 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story