बेहोश हो रहे मरीज, घंटों लगाना पड़ती है लाइ, सिरदर्द बना NIC का सर्वर

Patients of district hospital facing problems due to NIC server
बेहोश हो रहे मरीज, घंटों लगाना पड़ती है लाइ, सिरदर्द बना NIC का सर्वर
बेहोश हो रहे मरीज, घंटों लगाना पड़ती है लाइ, सिरदर्द बना NIC का सर्वर

डिजिटल डेस्क, सतना। ई-हॉस्पिटल योजना के लिए नेशनल इंफार्मेशन सेंटर (एनआईसी) के हवाले किया गया जिला अस्पताल के ओपीडी का सर्वर मरीजों पर आफत बनकर टूट रहा है। एक अदद ओपीडी पर्ची की आस में जहां 20 अगस्त को एक मासूम की जान चली गई थी वहीं मंगलवार को भी 3 महिलाएं कतार में लगे-लगे अचेत होकर फर्श पर गिर गईं। वो तो भला हो ड्यूटी डॉक्टर का जिन्होंने समय रहते तीनों महिलाओं का उपचार कर दिया वरना एक और कलंक अस्पताल प्रबंधन के सिर पर लग जाता। एनआईसी का सर्वर आज भी दगा दे गया। शाम 4 बजे जो लिंक डाउन हुई तो वह रात के साढ़े 9 बजे तक भी ठीक नहीं हो पाई।

एक नजर घटनाक्रम पर
11:45 बजे का वक्त था जब कृष्णनगर निवासी नीतू पति संतराम अपनी दो साल की बेटी सीता को लेकर पर्ची के लिए ओपीडी के काउंटर के बाहर कतार में लगी थी। सवा घंटे लाइन में लगे रहने के बावजूद उसे पर्ची नहीं मिल पाई। कतार में खड़े-खड़े नीतू की हालत बिगड़ने लगी और वह अचेत होकर वहीं गिर गई। थोड़ी देर बाद देखते ही देखते 3 महिलाएं और गश खाकर फर्श में गिर पड़ीं। आसपास खड़े लोगों की मदद से चारों महिलाओं को कैज्युअलिटी वार्ड में भर्ती किया गया, जहां डॉ. आलोक खन्ना ने उनका ब्लड प्रेशर नापा और जरूरी दवाइयां दीं। गनीमत थी कि समय रहते उपचार मिलने से कोई बड़ी अनहोनी नहीं हुई।

सर्वर की आंख मिचौली
ओपीडी का सर्वर जबसे एनआईसी के हवाले हुआ तब से वह आंख मिचौली कर रहा है। कोई भी दिन ऐसा नहीं बीतता जब सर्वर की लिंक डाउन न हो। इसका खामियाजा जिला अस्पताल आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को भुगतना पड़ता है। मंगलवार की शाम 4 बजे के करीब एनआईसी का सर्वर पूरी तरह से ठप हो गया। एनआईसी के जिला प्रभारी आशीष शुक्ला ने बताया कि मेंटेनेंस होने के कारण सर्वर बंद हो गया था, जो शाम 7 बजे तक वापस काम करने लगेगा मगर रात के 11 बजे तक सर्वर बंद रहा।

बढ़े काउंटर से भी राहत नहीं
गौरतलब है कि 23 अगस्त को कलेक्टर मुकेश शुक्ला ने जिला अस्पताल का निरीक्षण कर सर्वर और उससे जुड़ी परेशानियों के बारे में जानकारी हासिल की थी। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सर्वर बंद रहने की दशा में मरीजों को मेनुअली पर्ची बनाकर दी जाए। इसके लिए पुरुष और महिला के काउंटर में 2-2 काउंटर बढ़ाने के भी निर्देश दिए थे। मगर आज की तारीख मे मरीजों की बढ़ती संख्या 10 काउंटर पर भारी पड़ रही है। बता दें कि जिला अस्पताल में औसतन हर रोज 13 सौ मरीजों की ओपीडी रहती है।

 

Created On :   12 Sep 2018 8:28 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story