नर्स की लापरवाही : साढ़े 4 घंटे आईसोलेशन वार्ड में फंसे रहे 12 मरीज

Patients stuck in the Isolation ward of the District Hospital
नर्स की लापरवाही : साढ़े 4 घंटे आईसोलेशन वार्ड में फंसे रहे 12 मरीज
नर्स की लापरवाही : साढ़े 4 घंटे आईसोलेशन वार्ड में फंसे रहे 12 मरीज

डिजिटल डेस्क सतना। जिला अस्पताल में एक स्टाफ नर्स की करतूत के कारण शनिवार को मोतियाबिंद के तकरीबन 12 मरीज लगभग साढ़े 4 घंटे तक आईसोलेशन वार्ड में ही फंसे रह गए। असल में ड्यूटी में तैनात स्टाफ नर्स शाम 6 बजे वार्ड के मेन चैनल गेट का अंदर से ताला बंद करा कर चाबी भी किसी पेसेंट को ही देकर चली गई थी। वार्ड में ही फंस कर रह गए कुछ मरीज ऐसे हैं, जो या तो मोतियाबिंद के आपरेशन के कारण भर्ती हैं, या फिर जिन्हें आपरेशन करने के लिए लिए भर्ती किया गया है।
 और मचा शोर शराबा  
 बताया गया  है कि बजरटा टोला निवासी प्रमोद सोंधिया की मां मोतियाबिंद के आपरेशन के कारण आईसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं,वो शाम को मां के लिए खाना लेकर आए हुए थे। शाम 6 बजे के करीब जब वो घर वापस जाने के लिए चैनल गेट के पास पहुंचे तो उन्होंने देखा कि गेट में अंदर से ताला बंद है। प्रमोद ने भर्ती अन्य मरीजों से चाबी के बावत पूछतांछ की लेकिन कोई कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं था। तमाम शोरशराबे के बाद भी जब कोई चाबी बताने वाला नहीं मिला तो उन्होंने मोबाइल पर कलेक्टर मुकेश शुक्ल को वार्ड में फंसे होने की खबर दी। कलेक्टर ने जिला अस्पताल प्रबंधन को मोबाइल पर ही फटकार लगाई और फौरन तहसीलदार बीके मिश्रा को मौके पर भेजा। सिविल सर्जन डा.एसबी सिंह बघेल  भी वार्ड में पहुंच चुके थे। तमाम कवायद के बाद अंतत: अंदर से बंद ताले की चाबी भी उसी वार्ड में भर्ती एक बुजुर्ग मरीज के पास मिली। असल में चाबी तकिया के नीचे  दबा कर ये बुजुर्ग पेसेंट भी गहरी नींद में चला गया था। जैसे-तैसे रात में साढ़े 4 घंटे बाद वार्ड को तालाबंदी से निजात मिली। बुजुर्ग ने बताया कि डयूटी में तैनात नर्स उससे अंदर से ताला बंद कराकर चली गई थी।
गंभीर लापरवाही -
जिला अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में स्टाफ नर्स की इस गंभीर लापरवाही से नाराज सिविल सर्जन डा.एसबी सिंह बघेल ने कहा कि वे मामले की जांच कराएंगे। दोषी स्टाफ नर्स से जवाब तलब कर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। जिला अस्पताल में अंधेरगर्दी का ये बड़ा मामला है। सवाल ये भी उठा है कि क्या मोतियाबिंद के पोस्ट आपरेटिव मरीजों की देखभाल जैसे नाजुक मामलों में भी रात में कोई मेडिकल स्टाफ नहीं रहता है? क्या ये इस वार्ड में हर रात की कहानी है? इस वार्ड से बच्चा वार्ड की दूरी भी काफी है। कहते हैं, इस वार्ड की देखभाल का जिम्मा भी रात में बच्चा वार्ड की ही स्टाफ नर्स पर आ जाता है।
  इनका कहना है
ये गंभीर मामला है। पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी। संबंधित स्टाफ नर्स के खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी।
डा.एसबी सिंह बघेल, सीएस

 

Created On :   4 Dec 2017 8:00 AM GMT

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