पटना : जज ने फैसले में लिखा- भ्रष्ट जजों को HC का संरक्षण, 11 जजों की बेंच ने आदेश सस्पेंड किया

Patna HC withdraws judicial work from Justice Rakesh Kumar after his order on corruption in judicial system
पटना : जज ने फैसले में लिखा- भ्रष्ट जजों को HC का संरक्षण, 11 जजों की बेंच ने आदेश सस्पेंड किया
पटना : जज ने फैसले में लिखा- भ्रष्ट जजों को HC का संरक्षण, 11 जजों की बेंच ने आदेश सस्पेंड किया
हाईलाइट
  • 11 जजों की बेंच ने न्यायधीश राकेश कुमार के इस फैसले को स्थगित कर दिया
  • जज राकेश कुमार ने हाई कोर्ट की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए थे
  • जस्टिस कुमार ने एक फैसले में लिखा था- हाईकोर्ट प्रशासन ही भ्रष्ट न्यायिक अधिकारियों को संरक्षण देता है 

डिजिटल डेस्क, पटना। हाईकोर्ट के एक वरिष्ठ जज राकेश कुमार की टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया है। जिसके चलते हाई कोर्ट के चीफ नेतृत्व में 11 जजों की बेंच ने न्यायधीश राकेश कुमार के बुधवार के फैसले को स्थगित कर दिया। हाईकोर्ट की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाले जज कुमार को नोटिस जारी कर उन्‍हें सभी प्रकार की सुनवाई करने से रोक दिया गया है। न्यायधीश राकेश कुमार को न्यायिक कार्य से अलग रखने का निर्णय सुनाया लिया गया है।

पटना हाइकोर्ट के जस्टिस राकेश कुमार ने पूर्व आईपीएस अधिकारी केपी रमैया के केस में सुनवाई के दौरान ऑर्डर में लिखा था कि, कोर्ट में भ्रष्टाचार है, लगता है हाईकोर्ट प्रशासन ही भ्रष्ट न्यायिक अधिकारियों को संरक्षण देता है। उन्होंने इस ऑर्डर की कॉपी पीएमओ और सीबीआई को भी भेज दी। अब चीफ जस्टिस एपी शाही ने 11 जजों की बेंच बनाकर जस्टिस राकेश कुमार के ऑर्डर पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस एपी शाही की 11 सदस्यीय बेंच ने कहा, इस आदेश से न्यायपालिका की गरिमा और प्रतिष्ठा गिरी है। संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति से ऐसी अपेक्षा नहीं होती है।

दरअसल जस्टिस राकेश कुमार बुधवार को पूर्व आईएएस अधिकारी केपी रमैया के मामले की सुनवाई कर रहे थे। इसी दौरान अपने आदेश में उन्होंने लिखा- पटना के जिस एडीजे के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला साबित हुआ, उन्हें बर्खास्त करने की बजाय मामूली सजा दी गई, क्यों? हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस और अन्य जजों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरे विरोध को दरकिनार किया।

जस्टिस राकेश ने ये भी कहा, भ्रष्टाचारियों को न्यायपालिका से ही संरक्षण मिल जाता है, जिसकी वजह से उनके हौसले बुलंद रहते हैं। उन्होंने सवाल उठाए कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से ज़मानत ख़ारिज होने के बाद निचली अदालत ने रमैया को जमानत कैसे दी। जस्टिस राकेश ने कहा, हाईकोर्ट के न्यायाधीश को बंगला आवंटित होते ही रख-रखाव और साज-सज्जा पर लाखों रुपये खर्च किये जाते हैं। एक जज ने तो अपने बंगले के रख-रखाव और सौंदर्यीकरण में एक करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च कर दिए, जबकि यह राशि गरीब जनता की कमाई की है।

जस्टिस कुमार ने निचली अदालत में हुए स्टिंग ऑपरेशन मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी। इसके बाद चीफ जस्टिस एपी शाही ने जस्टिस कुमार की सिंगल बेंच की सभी केसों की सुनवाई पर रोक लगा दी। अगले आदेश तक जस्टिस कुमार सिंगल बेंच केसों की सुनवाई नहीं कर सकेंगे। हालांकि, डबल बेंच के जिन केसों में वे शामिल हैं, उसकी सुनवाई कर सकेंगे। चीफ जस्टिस ने उन्हें नोटिस भी जारी किया है।

 

 

Created On :   29 Aug 2019 10:15 AM GMT

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