अनोखा विरोध : अतिक्रमित तालाबों की निकाली अर्थी, अब करेंगे तेहरवीं संस्कार

People adapted a very unique and effective way to save the pond
अनोखा विरोध : अतिक्रमित तालाबों की निकाली अर्थी, अब करेंगे तेहरवीं संस्कार
अनोखा विरोध : अतिक्रमित तालाबों की निकाली अर्थी, अब करेंगे तेहरवीं संस्कार

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। शहर की जीवन रेखा कहे जाने वाले सातों तालाबों का अस्तित्व बचाने शहर के समाज सेवियों ने अनूठा तरीका अपनाते हुए पहले तालाबों की प्रतीकात्म अर्थी तैयार कर अंतिम संस्कार किया गया। फिर अस्थि संचय कर संगम में उनका विसर्जन किया गया और अब वे आगामी 27 जून को तेरहवीं मनाने जा रहे हैं। तालाबों के इस तेरहवीं संस्कार में शामिल होने के लिए इनके द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों को निमंत्रण पत्र भी बांटे जा रहे हैं।

दस साल से चल रहा मामला
शहर के सात तालाबों के अतिक्रमण का मामला पिछले दस साल से चल रहा है। सबसे पहले ग्वाल मगरा तालाब से अतिक्रमण हटाने के लिए समाज सेवी गोविन्द शुक्ला द्वारा जिला प्रशासन को शिकायती आवेदन दिए। इन आवेदनों पर जब सुनवाई नहीं हुई तो वे इसके खिलाफ हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट द्वारा करीब दस साल पहले कलेक्टर को आदेशित किया कि तालाब का अतिक्रमण चिंहित कर अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।

तत्कालीन कलेक्टर अजातशत्रु श्रीवास्तव ने तालाब की नपाई कराई। इस दौरान 28 अतिक्रमणकारी पाए गए जो यहां पर अवैध कब्जा किए हुए थे, लेकिन इन अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इसके बाद इस एक तालाब क्या पूरे सातों तालाबों की सरहद के अंदर कब्जे का मामला जब-तब प्रशासन के समक्ष पहुंचता रहा। दावे तो बहुत किए, लेकिन इन तालाबों व उसके कैचमेंट एरिया की जमीन पर अतिक्रमण के मामले में ठोस व प्रभावी कार्रवाई प्रशासन द्वारा नहीं की गई। प्रशासन सिर्फ कागजों पर अतिक्रमण हटाता रहा है।

एक बार फिर प्रशासन को जगाने आगे आए समाजसेवी
हाईकोर्ट के आदेश पर भी तालाबों से अतिक्रमण हटते न देख समाजसेवी राजेन्द्र अग्रवाल, राजीव दमेले, दिलीप सेन, सौरभ तिवारी आदि ने मेल-मुलाकात व पत्राचार के जरिए प्रशासन को पहले आगाह किया। जब प्रशासन ने नहीं सुनी तो इन्होंने दस दिन पहले मृत तालाबों की अर्थी निकाल कर छत्रसाल चौराहा पर अंत्येष्टि की। इस दौरान लोग फूट-फूटकर रोए भी। सात दिन बाद समाजसेवी सांकेतिक रूप से अस्थि संचय कर इलाहाबाद गए और संगम में अस्थियों का विसर्जन किया।

इसके बाद भी प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने का  साहस नहीं दिखाया तो अब ये लोग 27 जून को मृत तालाबों की तेरहवीं करने जा रहे हैं। इसके लिए समाज सेवियों ने सोमवार को प्रभारी कलेक्टर हर्ष दीक्षित, एडीएम डीके मौर्य, अधीक्षक भू अभिलेख आदित्य सोनकिया, तहसीलदार आलोक वर्मा सहित राजस्व अधिकारियों को मृत तालाबों की तेरहवीं के निमंत्रण वितरित किए।

 

Created On :   26 Jun 2018 8:33 AM GMT

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