निवाड़ी को जिला बनाए जाने का विरोध, टीकमगढ़ में आक्रोश

People are protesting for decision of making nivadi the new district of state
निवाड़ी को जिला बनाए जाने का विरोध, टीकमगढ़ में आक्रोश
निवाड़ी को जिला बनाए जाने का विरोध, टीकमगढ़ में आक्रोश

डिजिटल डेस्क, टीकमगढ़। निवाड़ी को जिला बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू होते ही विरोध के स्वर तेज हो गए हैं। अब तक सोशल मीडिया पर विरोध जता रहे लोग रविवार को मैदान में उतर आए। उन्होंने शहर के राजेंद्र पार्क में बैठक आयोजित कर आंदोलन की रूपरेखा बनाई। इस दौरान लोगों ने कहा कि जिले का विभाजन किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं है। रैली, ज्ञापन के अलावा प्रदेश सरकार के फैसले के विरोध में हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे। 

बैठक में तय किया गया कि मंगलवार को सभी सामाजिक, धार्मिक संगठनों के लोग एक साथ शहर में रैली निकालेंगे। इसके बाद कलेक्ट्रेट पहुंंचकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। राजेंद्र पार्क में आयोजित बैठक में प्रबुद्धजनों ने शहर के लोगों से अपील करते हुए कहा कि इस अभियान में प्रमुखता से शामिल हों, क्योंकि निवाड़ी जिला बनाए जाने से न केवल टीकमगढ़ जिले को राजस्व की हानि होगी, बल्कि रामराजा के नाम से जुड़ी टीकमगढ़ की पहचान भी समाप्त हो जाएगी। 

इस दौरान रमेश द्विवेदी ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद सरकार बुंदेलखंड क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध नहीं करा सकी है। स्वास्थ्य सुविधाएं भी एकदम खस्ताहाल हैं। इन्हें बेहतर करने की बजाय कुपोषित जिले की श्रेणी में शामिल टीकमगढ़ जिले के दो भाग कर बदहाल स्थिति पैदा की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिले का बंटवारा हो जाने से व्यापारियों, किसानों, युवाओं को बड़े पैमाने पर नुकसान होगा। केवल राजनीतिक फायदे के लिए निवाड़ी को जिला बनाया जा रहा है। इस अवसर पर पुष्पेंद्र सिंह, राकेश सिंह, पूनम जायसवाल, भारत भूषण पटैरिया, प्रणव जायसवाल, सत्यम श्रीवास्तव, कय्यूम अली, कौशलेंद्र सिंह बुंदेला सहित बड़ी संख्या में शहर के लोग मौजूद रहे।

नेताओं ने दी मौन स्वीकृति
बैठक के दौरान समाजसेवी पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार के फैसले का विरोध करने की बजाए हमारे सांसद और विधायकों ने मौन स्वीकृति दे दी है। निवाड़ी तहसील के लोगों को छोड़कर जिले के लोग नहीं चाहते कि टीकमगढ़ के दो भाग किए जाएं, लेकिन कोई घर से बाहर निकलना नहीं चाहता। उन्होंने कहा कि अगर यही हाल रहा तो प्रदेश सरकार अपनी मनमानी कर लेगी। अगर सही मायनों में विरोध करना है तो सड़क पर निकलना होगा। जिले का बंटवारा हो गया और हम चुपचाप तमाशा देखते रहे तो आने वाली पीढ़ी को क्या मुंह दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि जिले की भलाई के लिए सबको साथ खड़ा होना पड़ेगा। हम इसके खिलाफ हाईकोर्ट में भी याचिका दायर करेंगे।

जोरदार विरोध प्रदर्शन करना होगा
समाजसेवी पूनम जायसवाल ने कहा कि जिले के विकास के लिए सिंचाई नहर निर्माण, मेडिकल कॉलेज जैसी कई मांगें प्रमुख हैं, लेकिन वर्तमान में जिले का बंटवारा रोकना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। इस ऐतिहासिक आंदोलन में युवाओं, महिलाओं, व्यापारियों, सामाजिक संगठनों, बुजुर्गों के साथ नेताओं की सहभागिता जरूरी है। विरोध-प्रदर्शन जितना व्यापक होगा, उसका असर भी उतना ही गहरा होगा। उन्होंने मोहनगढ़, लिधौरा, दिगौड़ा, जतारा, पलेरा, बल्देवगढ़ सहित टीकमगढ़ के लोगों से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की।

Created On :   9 July 2018 9:28 AM GMT

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