अपराध के समय लोग मूकदर्शक बने देखते हैं तमाशा : दिल्ली सेशन कोर्ट

People watch tamasha, but dont help the police: Court
अपराध के समय लोग मूकदर्शक बने देखते हैं तमाशा : दिल्ली सेशन कोर्ट
अपराध के समय लोग मूकदर्शक बने देखते हैं तमाशा : दिल्ली सेशन कोर्ट

एजेंसी, नई दिल्ली। दिल्ली की एक सेशन कोर्ट ने एक 10 साल की लड़की के बयान पर भरोसा जताते हुए कहा कि यह बेहद आमबात हो गई है कि लोग मूकदर्शक बने अपराध होते तमाशा देखते रहते हैं।

एडिशनल सेशन जज अश्वनी कुमार सरपाल ने कहा कि कई मामलों में देखा गया है, जब लोग पुलिस कार्यवाहियों में पुलिस की मदद करने से दूरी बनाते हैं। आमतौर पर पुलिस थाने या कोर्ट जाकर आपराधिक मामलों में लोग बयान देने से बचते हैं। उन्होंने कहा कि लोग घटनास्थल पर तमाशा देखना पसंद करते हैं लेकिन पुलिस प्रशासन की जांच में सहयोग नहीं करते हैं। कोर्ट ने सूरज नाम के व्यक्ति को पांचवी क्लास में पढने वाली 10 वर्षीय छात्रा का बार-बार पीछा करने का दोषी ठहराया है। खबरों के मुताबिक कोर्ट अगले हफ्ते तक सूरज को सजा सुना सकती है। हालांकि कोर्ट ने अभी यह फैसला नहीं सुनाया है कि सूरज को कितनी सजा दी जाएगी। ऐसे मामलों में पहली बार दोषी पाए जाने पर अधिकतम तीन साल और दोबारा ऐसा करने पर पांच साल की सजा का प्रावधान कानून में है।

गौरतलब है कि लड़की ने पुलिस में शिकायत की थी कि सूरज नाम का एक शख्स उसका पीछा करता है। उसने अलग-अलग तारीखों पर चार बार उसका पीछा किया। इतना ही नहीं उसे नोट दिखा कर और खाने पीने की चीजें दे कर उसे बहलाने-फुसलाने की कोशिश भी उसने की थी। यह शख्स 18 महीने तक जेल में रहने के बाद अभी जमानत पर है।

 

Created On :   30 Jun 2017 10:28 AM GMT

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