सोहराबुद्दीन केस: सुनवाई के योग्य नहीं अमित शाह के खिलाफ दायर याचिका  - CBI की दलील 

Petition filed against Amit Shah is not eligible for hearing - CBI plea in HC
सोहराबुद्दीन केस: सुनवाई के योग्य नहीं अमित शाह के खिलाफ दायर याचिका  - CBI की दलील 
सोहराबुद्दीन केस: सुनवाई के योग्य नहीं अमित शाह के खिलाफ दायर याचिका  - CBI की दलील 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सोहराबुद्दीन मुठभेड मामले से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को बरी किए जाने को लेकर दायर याचिका का CBI ने बांबे हाईकोर्ट में विरोध किया है। मंगलवार को CBI ने हाईकोर्ट में दावा किया कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इस विषय पर मुंबई के वकीलों के संगठन बांबे लायर्स एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में मांग की गई कि CBI को सोहराबुद्दीन मामले से मुक्त किए जाने के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती देने का निर्देश दिया जाए। शाह को इस मामले से दिसंबर 2014 में CBI की विशेष अदालत ने बरी कर दिया था।


CBI ने किया विरोध

मंगलवार को न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ के सामने याचिका सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान CBI की ओर से पैरवी कर रहे एडीशनल सालिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि हम इस याचिका का विरोध करते हैं। क्योंकि साल 2014 में CBI कोर्ट ने शाह को  इस प्रकरण से बरी किया था। अब कोर्ट के निर्णय को चुनौती देने की मांग करना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। श्री सिंह ने शाह की रिहाई को चुनौती न देने के CBI के निर्णय को सही ठहराया। जबकि याचिका में CBI के इस निर्णय को अवैध,असंवैधानिक व अतार्किक बताया गया है। इस दौरान श्री सिंह ने कहा कि उन्हें इस मामले में जवाब देने के लिए थोड़ा वक्त दिया जाए। 

सुप्रीम कोर्ट का दिया हवाला

याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत इस मामले की सुनवाई मुंबई में स्थानांतरित की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में अपने आदेश में साफ किया था कि इस मामले की सुनवाई शुरु से लेकर अंत तक एक ही न्यायाधीश करे। फिर इस मामले की सुनवाई करने वाले पहले न्यायाधीश का तबादला क्यों किया गया? इसका हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी से जवाब मांगा जाना चाहिए। 

CBI का यह रुख उचित नहीं

इस पर खंडपीठ ने कहा कि हमारा सुझाव है कि इस मामले से संस्थान (हाईकोर्ट) को दूर रखा जाए। हम चाहते हैं कि याचिकाकर्ता के वकील इस संबंध में उचित निर्णय लें। ताकि हाईकोर्ट को इस प्रकरण में न घसीटा जाए। याचिका में दावा किया गया है कि CBI इस मामले में राजस्थान और गुजरात के पुलिस निरीक्षक स्तर के अधिकारियों की रिहाई को चुनौती दे रही है, लेकिन शाह की रिहाई को चुनौती देने के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया। CBI का यह रुख उचित नहीं है। हाईकोर्ट ने फिलहाल इस मामले की सुनवाई 13 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है।

Created On :   23 Jan 2018 2:19 PM GMT

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