कोल्हापुर बाढ़ को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर, मानव निर्मीत होने का लगाए आरोप

Petition filed in high court for kolhapur flood accused of human cruelty
कोल्हापुर बाढ़ को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर, मानव निर्मीत होने का लगाए आरोप
कोल्हापुर बाढ़ को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर, मानव निर्मीत होने का लगाए आरोप

डिजिटल डेस्क,मुंबई। राज्य के विभिन्न जिलों में आई बाढ़ को बांबे हाईकोर्ट में दायर किए गए एक आवेदन में मानव निर्मित आपदा बताया गया है। इसके साथ ही इस आपदा की जांच के लिए अदालत की निगरानी में एक स्वतंत्र कमेटी बनाने की मांग की है जो सिर्फ अदालत को ही अपनी रिपोर्ट दे। सामाजिक कार्यकर्ता संजय लाखे पाटील ने यह आवेदन दायर किया है। 

आवेदन में कहा गया है कि मौसम विभाग ने पहले ही अगस्त के पहले सप्ताह में भारी बारिश की भविष्यवाणी की थी लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। यहीं नहीं कोल्हापुर के जिलाधिकारी ने एक अगस्त को कर्नाटक स्थित अलमाटी बांध का पानी छोड़े जाने के आग्रह को लेकर राज्य के आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को पत्र लिखा था। मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष होते हैं। लेकिन वे अमरावती में अपनी राजनीतिक महाजनादेश यात्रा में व्यस्त थे। जिसके चलते बांध का पानी छोड़े जाने के बारे में विलंब हुआ है। इस वजह से कोल्हापुर, सांगली व सातारा सहित कई अन्य जिलों में बाढ व जल जमाव की स्थिति पैदा हुई।  

याचिकाकर्ता का दावा है कि बाढ़ के बाद भी सरकार के विभिन्न महकमों के बीच समनव्य का अभाव नजर आया है। जिसके चलते बहुत से बाढ़ प्रभावितों तक मदद नहीं पहुंच पायी है। बांध का पानी छोड़ने में हुई देरी का क्या कारण है और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। इसका पता लगाने के लिए अदालत की निगरानी में वरिष्ठ प्रशासकीय अधिकारियों की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र कमेटी बनाने के निर्देश दिए जाएं। कमेटी में सेवानिवृत्त अधिकारी माधवराव चितले व सेवानिवृत्त प्रशासकीय अधिकारी महेश झगड़े सहित अन्य लोगों को शामिल करने का सुझाव दिया गया है। ताकि भविष्य में इस तरह की आपदा को टालने के लिए जरुरी उपायों पर कार्य किया जा सके। श्री पाटील ने कहा की वे दो दिन के भीतर मुख्य न्यायाधीश के सामने अपने आवेदन का सुनवाई के लिए उल्लेख करेंगे। 

Created On :   17 Aug 2019 12:55 PM GMT

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