GST के दायरे में आकर भी सस्ता नहीं होगा पेट्रोल और डीजल

petrol and diesel realty under GST in future say sushil modi and arun jaitley
GST के दायरे में आकर भी सस्ता नहीं होगा पेट्रोल और डीजल
GST के दायरे में आकर भी सस्ता नहीं होगा पेट्रोल और डीजल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बहुत ही जल्द पेट्रोल व डीजल वस्तु एवं सेवा कर (GST) के दायरे में आ सकते हैं। मगर GST के दायरे में आकर भी पेट्रोल और डीजल सस्ता हो जाए, इस बात की कोई गारंटी नहीं होगी। यह हम नहीं बल्कि बिहार के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री सुशील मोदी का कहना है। मोदी ने कहा कि अगर पेट्रोलियम प्रोडक्ट GST के तहत आते हैं तो इन पर सबसे ज्यादा टैक्स लगेगा। राज्य सरकारों को इस पर सेस लगाने का अधिकार होगा, ताकि राज्य का रेवेन्यू सुरक्षित रह सके। अभी राज्य और केंद्र सरकार दोनों का 40 फीसदी रेवेन्यू पेट्रोलियम प्रोडक्ट से आता है।

सुशील मोदी ने एक तरह से संकेत दे दिया है कि पेट्रोल-डीजल को नई कर व्यवस्था के दायरे में लाए जाने के बावजूद उनकी कीमतों में राहत की उम्मीद नहीं है। साथ ही बताया है कि जल्द ही केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली GST काउंसिल पेट्रोलियम उत्पादों को इस नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में शामिल करने पर विचार करेगी। बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इन उत्पादों को संविधान में संशोधन किए बगैर GST के दायरे में लाया जा सकता है। पेट्रो उत्पादों के मामले में उच्चतम स्लैब से टैक्स लगेगा।

मोदी गुरुवार को उद्योग चैंबर फिक्की की सालाना आम बैठक को संबोधित कर रहे थे। सुशील ने कहा कि काउंसिल बिजली, स्टांप ड्यूटी और रियल एस्टेट को भी GST के दायरे में लाने पर विचार करेगी। वह GST काउंसिल के सदस्य और GSTएन पर बने राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह के अध्यक्ष भी हैं। बिहार के फाइनेंस मिनिस्टर सुशील मोदी ने कहा कि GST काउंसिल पेट्रोलियम प्रोडक्ट सबसे ज्यादा टैक्स रेट में रखे जाएंगे। GST काउंसिल 28 फीसदी टैक्स को 25 फीसदी और 18 और 12 फीसदी टैक्स स्लैब को मर्ज कर सकती है। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों पर कर की दर कितनी तय की जाए, इस संबंध में अंतिम फैसला GST काउंसिल ही करेगी।

Created On :   14 Dec 2017 6:13 PM GMT

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