जैव ईंधन के लिए जल्द आएगी स्वदेशी तकनीक : धर्मेंद्र प्रधान

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
जैव ईंधन के लिए जल्द आएगी स्वदेशी तकनीक : धर्मेंद्र प्रधान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार आने वाले दिनों में जैव ईंधन के लिए एक नया मॉडल और स्वदेशी तकनीक विकसित कर रही है। भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा जैव ईंधन के प्रयोग के बारे में काफी प्रयास किए जा रहे हैं।

यह बात बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नोत्तर के दौरान पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहीं। उन्होंने कहा कि मौजूदा नीति के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के तेल विपणन कंपनियों द्वारा गुड़ मार्ग से इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के लिए एथेनॉल खरीदा जाता है।

यह एथेनॉल / शराब का उपयोग रसायन क्षेत्र, शराब क्षेत्र, और ईबीपी कार्यक्रम में किया जाता है। वर्तमान एथेनॉल आपूर्ति वर्ष में, तेल के सार्वजनिक उपक्रमों ने 78.7 करोड़ लीटर इथेनॉल की आपूर्ति के लिए समझौतों को अंजाम दिया है। 2016-17 में देश में गुड़ के माध्यम से इथेनॉल उत्पादन 220 करोड़ लीटर होने का अनुमान है।

Created On :   19 July 2017 2:48 PM GMT

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