सहमति से संबंध बनाना रेप नहीः कोर्ट ने आरोपी को किया बरी 

Physically relation make with Mutual consent is not a rape-Court
सहमति से संबंध बनाना रेप नहीः कोर्ट ने आरोपी को किया बरी 
सहमति से संबंध बनाना रेप नहीः कोर्ट ने आरोपी को किया बरी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महानगर से सटे ठाणे कोर्ट ने बलात्कार के आरोप से 56 साल के एक आरोपी को बरी करते हुए स्पष्ट किया है कि सहमति से बना शारीरिक संबंध दुष्कर्म नहीं होता। आरोपी पर अपने ड्राइवर की पत्नी से बलात्कार का आरोप था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर आर वैष्णव ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश में साफ किया है कि अभियोजन पक्ष आरोपी दिलीप श्रीधर पाटिल पर लगे दुष्कर्म के आरोप साबित करने में नाकाम रहा है। अभियोजन पक्ष के अनुसार महिला का पति आरोपी के यहां ड्राइवर के तौर पर काम करता था। पाटील के अक्सर ड्राइवर के घर आने-जाने की वजह से ड्राइवर की पत्नी पाटील से घुल-मिल गई थी। सरकारी वकील के मुताबिक साल 2014 में  पाटील ने महिला को एक लॉज में बुला कर उसके साथ बलात्कार किया। पाटील ने ऐसा कई बार किया। पर कुछ समय बाद जब महिला पाटील के साथ संबंध बनाने के लिए राजी नहीं हुई तो उसने महिला को बदनाम करने और उसके पति को नौकरी से हटाने की धमकी दी। इस बीच महिला के पति की मौत हो गई। इसके बाद पाटील ने कई बार महिला के साथ बलात्कार किया और उसे कुछ पैसे भी दिए। पाटील की हरकत से परेशान होकर महिला ने एक दिन  पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी।

सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने पाया कि महिला ने अपने बयान में कहा कि वह आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं चाहती। वहीं बचाव पक्ष के वकील ने दावा किया कि महिला व उनके मुवक्किल के बीच सहमति से संबंध बने थे। जिरह के दौरान महिला ने स्वीकार किया कि उसकी भाभी को आरोपी के साथ उसके संबंधों की जानकारी हो गई थी जिसके बाद उसने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। महिला के बयान को सुनने के बाद न्यायाधीश ने कहा कि पीड़ित महिला के बयान ने पुलिस की कहानी को झूठा साबित कर दिया। न्यायाधीश ने साफ किया कि सहमति से बना संबंध दुष्कर्म नहीं होता है और आरोपी को बरी कर दिया।   

Created On :   22 Oct 2019 3:47 PM GMT

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